Page 156 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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महीने मेरी छ ु ट् िटयाँ होती थ । अगर म  चाहता, तो म  एक सहायक िशिपंग कं पनी क े  साथ

               िवयतनाम जा सकता था और अपनी पाँच महीन  क  छ ु ट् िटय  क े  बदले म  अपनी तन वाह
               दुगनी कर सकता था।

                     मेरे सामने एक बह त बिढ़या क रयर था, परंतु म ने छह महीने बाद ही इ तीफ़ा दे िदया और
               मरीन कॉ स म  भत  हो गया तािक म  हवाई जहाज़ उड़ाना सीख सक ूँ । मेरे पढ़े-िलखे डैडी का
               िदल टूट गया। अमीर डैडी ने मुझे बधाइयाँ द ।

                      क ू ल और नौकरी म  'िवशेष ता' का िवचार एक लोकि य िवचार है। यानी िक  यादा धन
               कमाने क े  िलए या  मोशन हािसल करने क े  िलए आपको 'िवशेष ता' हािसल करने क  ज़ रत
               है। इसीिलए मेिडकल डॉ टस  त काल 'बाल रोग िवशेष ' या 'अि थ रोग िवशेष ' जैसी

               िवशेष ता हािसल करने म  जुट जाते ह । यही अकाउंट ट् स आिक   टे ट्स वक ल , पायलट  और
               बाक़  लोग  क े  बारे म  सही है।

                     मेरे पढ़े-िलखे डैडी इसी िवचारधारा म  िव ास रखते थे। इसीिलए वे डॉ टरेट िमलने क े  बाद
               रोमांिचत हो गए थे। वे अ सर यह मानते थे िक  क ू ल म  ऐसे लोग  का स मान िकया जाता है
               जो कम से कम चीज़ो क े  बारे म   यादा से  यादा पढ़ते ह ।

                     अमीर डैडी मुझे इसका ठीक उ टा करने क े  िलए  ो सािहत करते थे। ‘आपको हर चीज़ क े
               बारे म  थोड़ा-थोड़ा पता होना चािहए’ यह उनका सुझाव था। इसीिलए म ने उनक  कं पिनय  म  कई

               िवभाग  म  साल  तक काम िकया। क ु छ समय क े  िलए म ने उनक े  अकाउंिटंग िडपाट म ट म  काम
               िकया। हालाँिक म  कभी अकाउंट ट नह  बन सकता था, परंतु वे चाहते थे िक म  उस िवभाग म
               रहकर उसक े  बारे म  मोटी-मोटी बात  समझ लूँ। अमीर डैडी जानते थे िक म  वहाँ क  ‘श दावली’
               को पकड़ लूँगा और यह भी समझ लूँगा िक  या मह वपूण  होता है और  या नह । म  एक बस
               बॉय और कं    शन वक   र क े   प म  भी काम कर चुका ह ँ और से स,  रज़व शन और माक  िटंग
               म  भी। वे मुझे और माइक को सीढ़ी दर सीढ़ी िसखा रहे थे। इसिलए वे चाहते थे िक हम लोग
               उनक े  ब कस , वक ल , अकाउंट ट् स और  ोकस  क े  साथ बैठक  म  भाग ल । वे चाहते थे िक हम

               लोग उनक े  सा ा य क े  हर पहलू क े  बारे म  थोड़ी-बह त जानकारी रख ।

                     जब म ने  ट डड  ऑयल क  अ छी तन वाह वाली नौकरी छोड़ी तो मेरे पढ़े-िलखे डैडी ने
               मुझसे िदल खोलकर बात  क । उ ह  क ु छ समझ म  नह  आ रहा था। वे मेरे िनण य क े  पीछे क े
               कारण को नह  समझ पा रहे थे  य िक िजस नौकरी से म ने इ तीफ़ा िदया था उसम  तन वाह
               अ छी थी, फ़ायदे बह त थे, ख़ाली समय भी बह त िमलता था और  मोशन क े  अ छे अवसर थे। जब
               एक शाम को उ ह ने मुझसे पूछा, “तुमने नौकरी  य  छोड़ दी,” तो म  लाख कोिशश करने क े
               बाद भी उ ह  इसका कारण नह  समझा सका। मेरे तक    उनक े  तक    क े  दायरे म  िफ़ट नह  हो पा

               रहे थे। सम या यह थी िक मेरा तक    मेरे अमीर डैडी का तक    था।

                     मेरे पढ़े-िलखे डैडी क े  िलए नौकरी क  सुर ा ही सब क ु छ थी। मेरे अमीर डैडी क े  िलए
               सीखना ही सब क ु छ था।

                     पढ़े-िलखे डैडी का िवचार था िक म  िशप का ऑिफ़सर बनने क  िश ा  हण करने  क ू ल
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