Page 153 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
P. 153
अ याय सात
सबक़ छह :
सीखने क े िलए काम कर -
पैसे क े िलए काम न कर
199 5 म म ने िसंगापुर क े एक अख़बार म इंटर यू िदया। युवा मिहला रपोट र समय पर आ
गई और इंटर यू त काल शु हो गया। हम एक आलीशान होटल क लॉबी म कॉफ़
क चुि कयाँ लगा रहे थे और मेरी िसंगापुर या ा क े उद् दे य पर चचा कर रहे थे। म लेटफ़ॉम पर
िज़ग िज़ लर क े साथ बैठने वाला था। वे ेरणा पर चचा करने वाले थे और म 'अमीर क े रह य'
पर बोलने वाला था।
''एक िदन म भी आपक तरह बे टसेिलंग लेखक बनना चाहती ह ँ,'' उस मिहला ने कहा।
म ने उसक े कई लेख पड़े थे और म उनसे भािवत ह आ था। उसक लेखन शैली दमदार और
प थी। उसक े लेख म पाठक क िच जगाने क मता थी।
''आपक शैली बह त बिढ़या है'' म ने जवाब म कहा। ''कौन सी चीज़ आपको अपने सपन को
हक कत म बदलने से रोक रही है?''
''मेरा काम कह का कह जाता है'' उसने शांितपूव क कहा। ''हर आदमी कहता है िक मेरे
उप यास बिढ़या ह , परंतु क ु छ नह होता। इसिलए म अख़बार क े िलए काम कर रही ह ँ। कम से
कम इससे मेरा ख़च तो चल जाता है। या आप इस बारे म कोई सुझाव देना चाह गे?''
''ही, िबलक ु ल,'' म ने उ साह से कहा। ''िसंगापुर म मेरा दो त है। वह एक क ू ल चलाता है
जहाँ लोग को िब संबंधी िश ण िदया जाता है। वह िसंगापुर म कई चोटी क े कॉरपोरेश स क े
िलए से स- ेिनंग कोस चलाता है और म समझता ह ँ िक उसक े कोस म शािमल होने से आपका
क रयर बह त यादा िवकिसत हो जाएगा।''
उसका शरीर स हो गया। ''आप यह कहना चाहते ह िक िब सीखने क े िलए मुझे
क ू ल जाना पड़ेगा?''
म ने सहमित म िसर िहलाया।
‘‘आप सचमुच ऐसा कह रहे ह या मज़ाक़ कर रहे ह ?”
एक बार िफर म ने सहमित म िसर िहलाया। “इसम ग़लत ही या है?” म अब अपने श द
वापस लेना चाहता था। उसे मेरी िकसी बात से बुरा लग गया था और अब म सोच रहा था िक
िकतना अ छा होता अगर म ने उसे क ु छ भी सुझाव नह िदया होता। उसक मदद करने क
कोिशश म अब म ख़ुद क े सुझाव क र ा करता नज़र आ रहा था।
''मेरे पास अँ ेज़ी सािह य म मा टस िड ी है। म से समेन बनना सीखने क े िलए क ू ल
य जाऊ ँ ? म एक ोफ़ े शनल ह ँ। म एक ोफ़ े शन म िशि त होने क े िलए क ू ल गई थी तािक
मुझे से समेन न बनना पड़े। म से समेन से नफ़रत करती ह ँ। उ ह क े वल पैसा चािहए होता है।