Page 154 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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तो आप मुझे बताएँ िक म से स का अ ययन य क ँ ?” अब वह अपना ीफ़क े स ताक़त से बंद
कर रही थी। इंटर यू ख़ म हो गया था।
कॉफ़ टेबल पर मेरी एक बे टसेिलंग पु तक रखी ह ई थी। म ने उसे उठाया और उस मिहला
ारा िलखे गए नोट् स को भी अपने दूसरे हाथ म रखा। “ या आप इसे देख सकती ह ?” म ने
उसक े नोट् स क तरफ़ इशारा िकया।
उसने अपने नोट् स पर नज़र डाली। “ या?” उसने उलझन म कहा।
एक बार िफर म ने उसक े नोट् स क तरफ़ जान-बूझकर इशारा िकया। उसक े पैड पर उसने
िलखा था, “रॉबट िकयोसाक , बे ट-सेिलंग लेखक।”
''यहाँ पर बे ट-सेिलंग लेखक िलखा ह आ है, न िक बे ट-राइिटंग लेखक।”
उसक आँख त काल फ ै ल गईं।
''म बह त बुरा लेखक ह ँ। आप बह त बिढ़या लेिखका ह । म से स क ू ल गया ह ँ। आपक े पास
मा टस िड ी है। दोन को इकट् ठा कर ल और आप एक बे ट-सेिलंग लेिखका और बे ट-राइिटंग
लेिखका बन सकती ह ।”
उसक आँख म ग़ु सा था। “म कभी इतनी नीचे नह िग ँ गी िक िब सीखने क े िलए
िश ण लूँ। आप जैसे लोग को तो िलखना ही नह चािहए। म एक ोफ़ े शनल लेिखका ह ँ और
आप एक से समेन ह । यह सही नह है।”
उसने अपने बाक़ क े नोट् स भी समेट िलए और वह िसंगापुर क उस नम सुबह म तेज़ी से
बाहर चली गई।
कम से कम उसने अगले िदन मुझे एक अ छा कवरेज िदया।
दुिनया माट , गुणी, िशि त और ितभासंप न लोग से भरी ह ई है। हम उनसे हर िदन
िमलते ह । वे हमारे चार तरफ़ ह ।
क ु छ िदन पहले, मेरी कार म क ु छ गड़बड़ आ गई थी। म एक गैरेज म गया और युवा
मैक े िनक ने उसे क ु छ िमनट म ही ठीक कर िदया। इंजन क आवाज़ सुनकर ही उसे समझ आ
गया था िक गड़बड़ कहाँ थी। म हैरान था।
दुखद सच तो यह है िक ितभा ही पया नह होती।
मुझे लगातार यह देख-देखकर झटका लगता है िक ितभासंप न लोग िकतना कम कमा
पाते ह । म ने अभी हाल ही म सुना है िक 5 फ़ सदी से भी कम अमे रक एक साल म एक लाख
डॉलर से यादा कमा पाते ह । म ऐसे ितभाशाली और उ च-िशि त लोग से िमला ह ँ जो एक
साल म 20,000 डॉलर से भी कम कमा पाते ह । मेिडकल यवसाय म िवशेष ता रखने वाला
एक यावसाियक सलाहकार मुझे बता रहा था िक िकतने डॉ टर, दंतिचिक सक और दूसरे
लोग पैसे क सम या से जूझ रहे ह । और मेरी सोच यह थी िक एक बार डॉ टर बनने क े बाद तो