Page 166 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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अ याय आठ



                                                 बाधाओं को पार करना




               एक बार लोग अ ययन कर ल  और उनम  पैसे क  समझ आ भी जाए तो भी आिथ क आज़ादी
               हािसल करने क े  िलए उ ह  कई बाधाओं और अवरोध  का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे पाँच
               कारण ह  िजनक े  कारण पैसे क  समझ रखने वाले लोग अपने संपि  वाले कॉलम को  यादा
               नह  बढ़ा पाते। संपि  वाला कॉलम िजससे बह त सारा क ै श तो आता है। संपि  वाला कॉलम जो
               उ ह  अपने सपने क  िज़ंदगी जीने का मौका देता है और अपने िबल चुकाने क े  िलए हर दम काम
               करने क े  झंझट से मुि  दे सकता है। ये पाँच कारण ह  :


                     1. डर

                     2. सनक पन

                     3. आल य

                     4. बुरी आदत

                     5. िज़ंद

                     कारण नंबर 1 : पैसा खोने क े  डर से पार पाना। म  कभी िकसी ऐसे  यि  से नह  िमला
               िजसे पैसे का नुकसान अ छा लगता हो। और मेरी िज़ंदगी म  म  कभी िकसी अमीर  यि  से नह
               िमला िजसने कभी भी पैसे का नुकसान न उठाया हो। परंतु म  ऐसे बह त से ग़रीब लोग  से ज र

               िमला ह ँ िज ह ने एक दमड़ी भी नह  खोई है... िनवेश म ।
                     पैसा खोने का डर  वाभािवक है। यह हर  यि  को होता है। अमीर  को भी। परंतु सम या

               डर नह  है। सम या यह है िक आप इस डर का सामना िकस तरह से करते ह । पैसा खोने क े  बाद
               ि थित से िकस तरह िनबटते ह । आप असफलता को िकस तरह से लेते ह  यह आपक े  जीवन म
               बह त मह वपूण  है। यह िजंदगी म  क े वल पैसे क े  बारे म  ही नह  बि क हर चीज क े  बारे म  सही है।
               एक अमीर  यि  और एक ग़रीब  यि  म  मूलभूत अंतर यह होता है िक वे इस डर से िकस तरह
               मुकाबला करते ह ।

                     डरने म  कोई बुराई नह  है । पैसे क े  मामले म  डरपोक होना भी कोई बुरी बात नह  है । आप

               अब भी अमीर हो सकते ह  । हम सभी क ु छ मौक़ो पर बहादुर होते ह  और क ु छ मौक़ो पर डरपोक ।
               मेरे दो त क  प नी एक इमरज सी  म क  नस  है । जब भी वह ख़ून देखती है वह त परता से
               काम म  जुट जाती है । जब भी म  िनवेश का िज़  करता ह ँ, वह भाग जाती है । जब म  ख़ून
               देखता ह ँ, तो म  नह  भागता । म  बेहोश हो जाता ह ँ ।

                     मेरे अमीर डैडी पैसे क े  नु सान क े  डर या फ़ोिबया को समझते थे । ''क ु छ लोग साँप  से
               डरते ह  । क ु छ लोग पैसा गँवाने से डरते ह  । दोन  ही फ़ोिबया ह ,'' उनका कहना था । पैसा गँवाने
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