Page 193 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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िच   का अ ययन कर  और देख  िक  या आप क ु छ अंतर पकड़ सकते ह  । इसक े  िलए क ै श लो

               क  समझ ज री है िजससे कहानी बताई जाती है ।  यादातर लोग अंक देखते ह  और कहानी को
               अनदेखा कर देते ह  । अगर आप सचमुच क ै श तो क  ताकत को समझना शु  कर देते ह  तो
               आपको ज द ही यह पता चल जाएगा िक अगले पृ  पर िदए गए िच  म  कहाँ गड़बड़ी है और
               9० फ सदी लोग  य  िजंदगी भर कड़ी मेहनत करते ह  और इसक े  बाद उ ह  सोशल िस यू रटी
               जैसी सरकारी मदद क  ज रत  य  होती है ।

                      या आप इसे देख सकते ह ? िपछले पृ  पर िदया ह आ िच  उस  यि  क े  काम दशा ता है
               जो खुद का भुगतान सबसे पहले करता है । हर महीने अपने मािसक खच  का भुगतान करने से

               पहले वे अपने संपि  वाले कॉलम म  पैसा डालते ह  । हालाँिक करोड़  लोग  ने  लासेन क
               पु तक पड़ी है और '' खुद को सबसे पहले भुगतान कर  '' का िस ांत समझा है परंतु हक कत म
               वे खुद को सबसे आिखर म  भुगतान करते ह  ।

                     अब म  आप म  से उन लोग  क  चीख-पुकार सुन सकता ह ँ जो अपने िब स का भुगतान
               सबसे पहले करने म  गंभीरतापूव क िव ास करते ह  । और म  यह भी सुन सकता ह ँ िक सभी '
               िज मेदार ' लोग अपने िबल समय पर चुकाते ह  । म  यह नह  कहता िक आप गैर-िज मेदार हो
               जाएँ या अपने िबल का भुगतान न कर  । म  िसफ    यह कहता ह ँ िक आप वही कर  जो यह पु तक

               आपको िसखाती है यानी ''खुद को सबसे पहले पैसा द  '' । और िपछले पृ  पर िदया गया िच
               इसी िस ांत का सही लेखांकन िच  है । जबिक बाद म  आने वाला िच  पूरी तरह से गलत है ।


               ऐसा  यि ँ  जो हर एक को पहले चुकाता है - आिखर म   यय टै स िकराया उसक े  पास
               अ सर भोजन क ु छ नह  बचता ।
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