Page 191 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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कारण है जो लोग  को तीन समुदाय  म  बाँटता है, अमीर, ग़रीब और म य वग ।

                     सीधे तरीक े  से कह  तो िजन लोग  म  आ म-स मान कम होता है और जो फ़ायन िशयल

               दबाव  को  यादा सहन नह  कर पाते, वे कभी अमीर नह  बन सकते और कभी नह  का मतलब
               होता है कभी नह । जैसा म ने पहले बताया था, म ने अपने अमीर डैडी से यह सबक सीखा था िक
               'दुिनया आपको इधर-उधर धक े लेगी।' दुिनया लोग  को इधर-उधर धक े लती है तो इसिलए नह
                य िक बाक़  लोग गुंडे होते ह  बि क इसिलए  य िक आपम  आत रक िनयं ण और अनुशासन
               क  कमी होती है। िजन लोग  म  आत रक सहनशि  क  कमी होती है, वे अ सर उन लोग  क े
               िशकार हो जाते ह  िजनम  आ म-अनुशासन होता है।

                     म  िजन  यावसाियक क ाओं म  पढ़ाता ह ँ, वहाँ म  लोग  को लगातार यह याद िदलाता ह ँ

               िक वे अपने सामान या सेवा पर अपना  यान क   ि त न कर , बि क मैनेजम ट क  कला पर अपना
                यान क   ि त कर । अपना खुद का  यवसाय शु  करने क े  िलए तीन सवािधक मह वपूण
               मैनेजम ट द ताएँ ह  :

                     1. क ै श लो का मैनेजम ट।

                     2. लोग  का मैनेजम ट।

                     3.  यि गत समय का मैनेजम ट।

                     म  यह कह ँगा िक ये तीन द ताएँ क े वल  यवसाय शु  करने वाल  क े  ही नह , बि क सभी

               क े  काम क  ह । ये तीन  आपक  जीवनशैली म  मह वपूण  भूिमका िनभाती ह   यि  क े   प म ,
               प रवार क े  सद य क े   प म ,  यवसाय म , िकसी धमा थ  संगठन म , शहर या देश म ।

                     ये सभी द ताएँ आ म-अनुशासन को साधने से बढ जाती ह । म  ''खुद को सबसे पहले
               भुगतान कर '' िस ांत को ह क े पन से नह  लेता।

                     जॉज   लासन क  पु तक द  रवे ट मैन इन बैिबलॉन म  ''खुद को सबसे पहले भुगतान
               कर '' का व  य सबसे पहले आया था। इस पु तक क  करोड़   ितयाँ िबक चुक  ह । परंतु
               हालाँिक करोड़  लोग इस ज़बद  त जुमले को दोहराते ह , बह त कम लोग ही इस सलाह का
               पालन करते ह । जैसा म ने कहा है, फ़ायन िशयल सा रता अंक पढ़ने क  यो यता देती है और

               अंक कहानी बता देते ह । िकसी आदमी क े  इ  म  टेटम ट और बैल स शीट देखकर म  त काल
               यह देख सकता ह ँ िक जो लोग ''खुद को सबसे पहले भुगतान कर '' क े  िस ांत का राग अलापते
               रहते ह , वे दरअसल इसका िकतना पालन करते ह ।

                     एक िच  हज़ार श द  क े  बराबर होता है। तो एक बार िफर हम ऐसे लोग  क े  फ़ायन िशयल
                टेटम ट् स क  तुलना कर  जो खुद को सबसे पहले भुगतान करते ह  और जो ऐसा नह  करते।


               वे लोग जो ख़ृद को सबसे पहले भुगतान करते ह
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