Page 188 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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करना चािहए।

                     मेरे कई दो त ह  िज ह ने अपनी छोटी सी िज़दगी म  अरब  डॉलर कमाए ह । उनम  से तीन

               ने एक ही अनुभव बताया है। उनक े  ग़रीब दो त उनसे यह पूछने कभी नह  आए िक उ ह ने ऐसा
               िकस तरह िकया है। परंतु वे उनसे दो म  से एक चीज़ या दोन  ही चीज़ो ़ ं क े  बारे म  मदद माँगने
               आए : 1. क़ज़ , या 2. नौकरी।

                     चेतावनी : ग़रीब या डरे ह ए लोग  क  मत सुिनए। मेरे कई ग़रीब दो त ह  िजनसे म   ेम भी
               करता ह ँ, परंतु वे िज़ंदगी क े  'डरे ह ए मुग ' ह । जब पैसे क  बात आती है, ख़ासकर िनवेश क  तो
               उनक  नज़र म  ''आसमान हमेशा िगरने वाला होता है ''। वे आपको हमेशा यह बता सकते ह  िक
               कोई चीज  य  कामयाब नह  होगी। सम या यह है िक लोग उनक  बात सुनते ह  और जो लोग

               इन िनराशावादी िवचार  को आँख मूँदकर मान लेते ह  वे भी 'छोटे मुग ' बन जाते ह । जैसी एक
               पुरानी कहावत है, ''एक जैसे िवचार वाले लोग  म  सहमित होती है।''

                     अगर आप सी.एन.बी.सी. देखते ह  जो िनवेश क  सूचना देने वाली सोने क  खदान है तो
               उनक े  पास अ सर तथाकिथत 'िवशेष  ' का एक पैनल होता है। एक िवशेष  यह कहेगा िक
               बाज़र धराशायी होने वाला है और दूसरा यह कहेगा िक बाज़ार म  उठाव आने वाला है। अगर आप
                माट  ह  तो आप दोन  क  बात सुन गे। अपने िदमाग़ को खुला रख   य िक दोन  क े  पास अपने-
               अपने तक    ह । दुभा  य से,  यादातर ग़रीब लोग 'छोटे मुग  ' क  बात सुनते ह । मेरे बह त से क़रीबी

               िम  ह  जो मुझे िकसी सौदे या िनवेश से रोकने क े  िलए अपने तक    देते ह । क ु छ साल  पहले मेरे
               दो त ने मुझे बताया िक वह इसिलए रोमांिचत था  य िक उसे अपनी जमा पूँजी पर 6 फ़ सदी
                याज वाला बॉ ड िमल गया था। म ने उसे बताया िक म  सरकार से 16 फ सदी  याज कमा रहा ह ँ।
               अगले ही िदन उसने मुझे एक लेख भेज िदया िजसम  यह िलखा था िक मेरा िनवेश  य
               ख़तरनाक था। म  साल  से 16 फ़ सदी  याज कमा रहा ह ँ और वह अब भी 6 फ़ सदी  याज ही ले
               रहा है।

                     म  तो यह कह ँगा िक दौलत बनाने म  सबसे किठन चीज़ यह है िक आप अपने  ित

               ईमानदार रह  और भीड़ क े  साथ चलने क  इ छा न रख । बाजार म , आम तौर पर भीड़ सबसे बाद
               म  आती है और इसिलए हलाल हो जाती है। अगर मुखपृ  पर िकसी बड़े सौदे क  ख़बर छपी है
               तो  यादातर मामल

                     म  बह त देर हो चुक  है। िकसी नए सौदे क  तलाश कर । जैसा हम तैरने वाल  से कहा करते
               ह , ''हमेशा एक और लहर आती है। ''जो लोग ज दबाजी करते ह  और िकसी लहर पर देर से
               पह ँचते ह  वे अ सर धराशायी हो जाते ह ।


                      माट  िनवेशक बाज़ार क  टाइिमंग को  यान म  नह  रखते ह । अगर एक लहर चली गई है,
               तो वे अगली लहर क  खोज करते ह  और खुद को पोज़ीशन म  कर लेते ह ।  यादातर लोग  क े
               िलए यह मुि कल इसिलए होता है  य िक जो लोकि य नह  है वह ख़रीदना उनक े  िलए डरावना
               होता है। डरपोक िनवेशक उस भेड़ क े  झुंड क  तरह होते ह  जो भीड़ क े  साथ ही चलते ह । या
               उनका लालच उ ह  उस समय अंदर लाता है जब समझदार िनवेशक मुनाफ़ा कमाकर बाहर जा
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