Page 184 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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यादातर लोग क आँखे इसे नह देख पात ।''
और म कह ँगा िक यह सच है। रयल ए टेट म , म बाहर जा सकता ह ँ और चार या पाँच
संभावना भरे सौदे कर सकता ह ँ, जबिक औसत यि बाहर जाकर ख़ाली हाथ लौट सकता है।
जबिक हम दोन एक ही इलाक़ े म जाते ह । इसका कारण यह है िक उ ह ने अपने फ़ायन िशयल
जीिनयस को िवकिसत करने क े िलए समय नह िदया है।
म आपको नीचे दस क़दम बता रहा ह ँ जो ई र ारा दी गई ताक़त को िवकिसत करने
क ि या है। ये ऐसी ताक़त ह िजनका िनयं ण क े वल आप कर सकते ह ।
1. मुझे हक़ क़त से यादा बड़ा कारण चािहए: आ मा क शि । अगर आप यादातर
लोग से पूछ गे िक या वे अमीर या आिथ क प से वतं होना चाह गे तो वे 'हाँ’
कह गे। परंतु िफर हक़ क़त हावी हो जाती है। यह सड़क बह त लंबी नज़र आती है और
इस पर बह त सी टेक रयाँ भी िदखती ह िज ह पार करना होगा। इसक तुलना म यह
यादा आसान लगता है िक आप पैसे क े िलए काम कर और बचे ह ए पैसे अपने ोकर
को दे द ।
म एक बार एक युवा मिहला से िमला िजसने अमे रका क ओलंिपक टीम म तैरने क े सपने
देखे थे। हक़ क़त यह थी िक उसे हर रोज सुबह 4 बजे उठना पड़ता था तािक क ू ल जाने क े
पहले वह तीन घंटे तक तैर सक े । शिनवार क रात को वह अपने दो त क े साथ पाट म भी नह
जाती थी। उसे हर एक क तरह पढ़ाई करक े अपने परी ा प रणाम पर भी यान देना होता था।
जब म ने उससे पूछा िक उसक अित-मानवीय मह वाकां ा और बिलदान क े पीछे या
कारण ह तो उसने यही कहा, ''म इसे अपने िलए करती ह ँ और उन लोग क े िलए िजनसे म ेम
करती ह ँ। ेम ही मुझे सभी बाधाओं और बिलदान क े िलए तैयार करता है।''
''हम या चाहते ह '' और ''हम या नह चाहते'' इनका तालमेल भी एक कारण या ल य हो
सकता है। जब लोग मुझसे पूछते ह िक अमीर होने क इ छा क े पीछे मेरा कारण या था तो यह
गहरी भावना मक इ छाओं और अिन छाओं का संयोग है।
म क ु छ क सूची बताऊ ँ गा। पहले तो अपनी 'अिन छाओं' क य िक उ ह क े कारण
'इ छाएँ' पैदा होती ह । म सारी िजंदगी नौकरी नह करना चाहता था। म वह नह चाहता था जो
मेरे माता-िपता चाहते थे, यानी नौकरी क सुर ा और उपनगर म एक घर। म एक कम चारी नह
बने रहना चाहता था। मुझे इस बात से बह त नफ़रत होती थी िक मेरे डैडी अपने क रयर म इतने
य त रहते थे िक वे मेरे फ ु टबॉल मैच देखने भी नह आ पाते थे। मेरे डैडी सारी िजंदगी कड़ी
मेहनत करते रहे और सरकार ने उनक मौत पर उनक कमाई का यादातर िह सा ले िलया
मुझे इस बात से भी नफ़रत होती थी। अपनी मौत क े बाद वे अपनी मेहनत क कमाई को अपने
वा रस क े िलए नह छोड़ पाए। अमीर लोग ऐसा नह करते। वे कड़ी मेहनत करते ह और अपने
ब च क े िलए ढेर सारा पैसा छोड़ जाते ह ।
अब इ छाओं क बात। म दुिनया घूमना चाहता ह ँ और िजंदगी को मनचाहे तरीक़ े से जीना
चाहता ह ँ। म ऐसा अपनी जवानी म ही कर लेना चाहता ह ँ। म क े वल आज़ाद होना चाहता ह ँ। म