Page 81 - Magazine 2018-19
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BSGS Panorama
Article by Students and Teachers
आज का यवु ा हाथ से हाथ मलाएँगे
न जाने यह लोग म मान सकता कै सी आई, हाथ से हाथ मलाएगँ े,
काले और गोर म फक ले आई। काम को आसान बनाएगँ े।
वेष हटाकर म बनाएँगे,
तल- तल करके गर ब मर रहे थे जहा,ँ कसी को न क ट पहुचाएगँ े।।
वहाँ अमीर ने अपना ज न है मनाया।
अगर कोई क ट म हो,
देखो-देखो नया युग है आया, मदद क हाथ बढ़ाएँगे।
जहाँ भेदभाव ने अपना हक है जमाया।। हाथ से हाथ मलाएगँ े,
िजस धरती पर सब रहते थे मलजुलकर, काम को आसान बनाएगँ े।।
बजु गु का स मान करगे,
वहाँ न जाने यह कटु ता कै सी छाई, अपा हज का अ भमान बनेग।
जहाँ सब करते थे एक दसू रे क मदद, न हास –प रहास करगे,
वहाँ अब अमीर और गर ब म पसै े का अतं र है आया। सफ उनका गुणगान करगे।।
जब भी कोई अके ला हो,
देखो-देखो नया युग है आया, सदा ह उसका म बनेग ।
जहाँ भेदभाव ने अपना हक है जमाया।। हाथ से हाथ मलाकर,
क या बैध, VIII अ आगे बढ़ते जाएगँ े।।
न कसी से घणृ ा कर,
कृ त का यह अनुपम प
न कसी स बैर।
कृ त का यह अनुपम प हाथ से हाथ मलाकर,
लगती है जाड़े क धपू सबका काम कर,अपना हो या गैर।।
चारो ओर छाई ह रयाल
मदमाती फू ल क डाल द पशा, VIII अ
फर बसतं का मौसम आया जल
पेड़ पर ह रयाल लाया
कोयल मीठे गीत सुनाती बना जल होय नह ,ं कोई सा भी काम
सबके दल को हषाती
ऊँ च-े ऊँ चे ये पहाड़ इसे साफ रखने हेतु ,उपाय करे तमाम
लगते ह जसै े नभ के वार अगर मले नह ं जल तो जीवन है बेकार
कल-कल करती न दयाँ बहती
जाकर के सागर म मलती इसे बचाने के लए, रह आप तयै ार।
कतना सुंदर है यह प बना हुआ है जल जीवन का आधार,
कभी न बदले इसका व प न हो जल के लए शवम, आपस म टकरार।
कृ त का यह अनुपम प सच कह तो जीवन का पहचान बना जल,
लगती है जाड़े क धपू
यथ बहाकरन कर,इसका अब नकु सान
कौशक क यप, VIII अ
बचाकर रख धन सभी,जब आगे संताप
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जल भी है धन सभी का, रख बचा कर आप।
मृ त भारती, VII