Page 84 - Magazine 2018-19
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BSGS Panorama
Article by Students and Teachers
प र म का मह व गु पर क वता
सफलता क पहल कंु जी म है,इसके बना सफलता का वाद गु के बना ान नह ,ं
कभी भी नह ं चखा जा सकता है।िज़ंदगी म आगे बढ़ना है,सुख ान के बना कोई महान नह ं
सु वधा से रहना है, एक मुकाम हा सल करना है,तो इंसान को भटक जाता है जब कोई इंसान
प र म करना होता है। तब गु ह देता है ान
ई वर के बाद अगर कोई है
भगवान ने प र म करने का गणु मनु य के साथ-साथ सभी
जीव जतं ओु ं को भी दया है। प ी को भी सुबह उठकर अपने तो वह गु है
खाने पीने का इंतजाम करने के लए बाहर जाना पड़ता है,उसे दु नया से वा कफ जो कराता है वो गु है
बड़े होते ह उड़ना सखाया जाता है,ता क वह पालन पोषण खदु हम अ छा इंसान जो बनाता है वो गु है
कर सके । दु नयाँ म हर जीव ज तु को मेहनत करनी पड़ती है। हम इंसा नयत जो सखाता है वो गु है
इसी तरह मनु य को भी बचपन से बड़े होते ह प र म हम जो ह रे क तरह तराश दे वो गु है
करना सखाया जाता है। चाहे वह पढ़ाई के लए हो या पसै े के हमारे अदं र एक व वास जगा दे वो गु है
कमाने के लए या नाम कमाने के लए।मेहनत के बना तो
र ी भी हाथ नह ं आती। िजसके पास गु नह ं है
समझ लेना क वो धनवान नह
ु त कु मार , VII सी
गु के बना ान नह ,ं
म क हूँ ान के बना कोई महान नह ।ं
कौन कहता है क अ त र को कोई छू नह ं सकता, अजं ल स हा, VIII अ
कौन कहता है िजस पृ वी पर म खड़ा हूँ वह,
सूय क प र मा करती है। को शश कर
कौन कहता है सूय उदय होता है
फर चला जाता है? को शश कर,हल नकलेगा।
आज नह ं तो, कल नकलेगा।
दरू का सूय और मेर त पधा है,
वह त दन मुझसे लड़ने आता है। अजनु के तीर सा साध,
हार कर चला जाता है, फर आता है,चला जाता है। म थल से भी जल नकलेगा।
मेहनत कर,पौध को पानी दे,
य क म अन त हूँ, म तो अपने क पर खड़ा हूँ। बंजर जमीन से भी फल नकलेगा।
सूय प र ध पर है, क प र ध क प र मा कै से कर सकता है? ताकत जटू ा, ह मत को आग दे,
फर कौन कहता है, मेरा क कसी क प र मा कर रहा है? फौलाद का भी बीएल नकलेगा।
िजंदा रख़, दल म उ मीद को,
म क हूँ। गरल के समदं र से भी गगं ाजल
भू म शमा, VIII अ नकलेगा।
को शश जार रख कु छ कर गुजरने क ,
जो है आज थमा थमा सा,चल नकलेगा।
बेबी रि म
VIII अ
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