Page 13 - Smart Book 2
P. 13
कपय व्हश ! भछरी का वऩॊजया अिानक ऩानी से
ू
फाहय आ गमा, सायी भछलरमाॉ बफर्य गईं औय
वऩॊजये के अॊदय भगयभच्छ का लसय ददर्ाई ददमा!
भगयभच्छ ने अऩना लसय इधय-उधय ऩटका औय उस
डयावनी टोऩी से वऩॊजये को अऩने लसय से उतायने की
कोलशश की. कपय वह धीये-धीये येंगता हआ ऩानी से
ु
फाहय आमा.
एनाॊसी झटऩट एक ऩेड़ ऩय िढ़ गमा औय फोंसू दूसये
ऩेड़ ऩय. ऩेड़ों के ऊऩय से ही उन्होंने भगयभच्छ को
उनका वऩॊजया ज़भीन ऩय ऩटकते देर्ा. पटाक!
पटाक! आखर्यकाय वऩॊजया तछटक कय दूय जा धगया.
औय भगयभच्छ नदी भें रौट गमा औय कपय से
अऩोऩोकककक भछलरमों का ऩीछा कयने रगा.
एनाॊसी औय फोंसू ऩेड़ों से नीिे आमे औय वऩॊजये की
जाॊि कयने रगे.
फोंसू ने कहा, “ऺभा कयना लभत्र, मह वऩॊजया तो
नष्ट हो गमा. रेककन कपय बी मह फहत र्याफ नहीॊ
ु
हआ. भेया ख्मार है कक भैं इसे फाज़ाय रे जाकय फेि
ु
दूॊगा.”
“रुको, भेये बाई,” एनाॊसी फोरा. “इस भछरी के धॊधे
भें तो भुझे तो एक बी भछरी नहीॊ लभरी - एक
क्र े-किश बी नहीॊ. अफ तुभ मह वऩॊजया बी रे रेना
िाहते हो! भैं स्वमॊ इसे फाज़ाय रे जाऊॉ गा औय फेि
दूॊगा.”