Page 8 - Smart Book 2
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जफ वह दोनों नदी के ककनाये ऩहॊिे तो फोंसू ने
ु
कहा, “एनाॊसी, इस नदी भें भगयभच्छ हैं. भुझे
मह वऩॊजया नदी भें रगाने दो. अगय भगयभच्छ
ने भेयी टाॉग काट री तो भेयी जगह तुभ भय
जाना.”
“रुको, भेये बाई,” एनाॊसी धिल्रामा. “तमा तुभ
भुझे भूर्ख सभझते हो? भैं स्वमॊ मह वऩॊजया
रगाऊॉ गा. अगय ककसी भगयभच्छ ने भुझे ऩकड़
लरमा तो तुभ भेयी जगह भय जाना.”
एनाॊसी वऩॊजया रेकय नदी भें उतय गमा औय ऩानी
भें रगे सयकॊ डों के ऩास आ गमा. जफ नदी के
तर ऩय वह वऩॊजये को एक सयकॊ डे के साथ फाॉध
यहा था, उसका हाथ एक क्रे -किश को जा रगा.
कपय पटाक! एक फड़े-से ऩॊजे ने उसकी छोटी
अॊगुरी को जकड़ लरमा.
“वाआआआअ!” एनाॊसी िीर्ा औय ऩानी को
उछारते हए वह नदी से फाहय आमा. क्र े-किश
ु
उसके हाथ से ऐसे रटक यही थी जैसे एक भछरी
काॊटे से रटकी होती है.