Page 6 - Smart Book 2
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एनाॊसी औय फोंसू वऩॊजया फनाने के  लरमे साभग्री ढ ूॊढने
         रगे. उन्हें ताड़ के  क ु छ ऩेड़ ददर्ाई ददमे. तफ फोंसू ने
         कहा, “एनाॊसी, भुझे िाक ू  दो. भैं ऩेड़ की डारें काट ूॉगा.
         औय भेयी जगह तुभ थक जाना. तुम्हाया मही काभ
         होगा.”
         “रुको, भेये बाई,” एनाॊसी धिल्रामा. “तुम्हायी लरमे भैं
         तमों थक ूॊ ?”
         “जफ कोई काभ ककमा जाता है तो ककसी न ककसी को
         तो थकना ऩड़ता है,” फोंसू ने कहा. “अगय भैं डारें
         काटता हॉ तो तुभ इतना तो कय ही सकते हो कक
                 ू
         सायी थकावट तुभ रे रो.”
         एनाॊसी फोरा, “थकना सफसे कदठन काभ है! भैं स्वमॊ
         डारें काट ूॉगा. औय भेयी जगह तुम्हें थकना होगा!”
         तो फस एनाॊसी ताड़ के  ऩेड़ ऩय िढ़ गमा औय डारें
         काटने रगा.
         फोंसू ऩेड़ के  तनकट फैठ गमा. औय हय फाय जफ
         एनाॊसी कोई डार काटता तो फोंसू कयहाता, “क्रा...उॊह,
         क्रा...उॊह, क्रा...उॊह!”
         शीघ्र ही कटी डारों का एक ढेय वहाॊ इकट्ठा हो गमा.
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