Page 4 - Smart Book 2
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नदी ककनाये ऐसो के  बेंट फोंसू की ऩत्नी ररउहा से
                                                                           हई.
                                                                             ु
                                                                           ररउहा ने ऩूछा, “कै सी हो, ऐसो?”
                                                                           “भैं तो बफरक ु र ठीक हॉ,” ऐसो ने कहा. “रेककन
                                                                                                  ू
                                                                           भेया ऩतत क ु छ ठीक नहीॊ हैं. वह कह यहा था कक
                                                                           अफ वह भछलरमाॉ ऩकड़ेगा. औय वह एक भूर्ख
                                                                           आदभी को  ढ ूॊढ कय अऩनी साथी फनाएगा-कोई
                                                                           ऐसा आदभी जो साया काभ कयेगा औय जफकक सायी
                                                                           भछलरमाॉ भेये ऩतत को लभरेंगी.”
                                                                           ररउहा घय िरी गमी औय उसने ऩतत, फोंसू, को
                                                                           वह सफ फतामा जो ऐसो ने उससे कहा था.
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