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इि ज्ञाि िरोवर र्ें अनत हदव्य पविेष ि ै
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खखल िौ और कर्ल , र्ाँ िरस्वती की यि कर्ल दल,
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आराधिा क 'पावि दल' " तर्िो र्ा ज्योनतगमर्य'
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या चगरधारी क का िंदि सलए, दता प्रनतपल
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कर्म िल ि िींि, अंधकार ि प्रकाि की
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हदव्य आस्था क फल , ओर बढ़ि का िंबल।
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11 पवद्यालयों का िुदर कर्ल दल, िर क्षण अंकररत िोता ि,
ककतिा निर्मल िो उिा ि ै इिर्ें चगरधारी
इि िलािय का िल। का िंघषम - बल।