Page 5 - karmyogi
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"िन्र्ा एक कर्मयोगी"
करतारपुर था िो ईिधार्,
ं
गूिता था ििाँ
गुरु अिुमि दव का पुण्य िार्,
े
धन्य िई वि पावि भूसर्
ु
और अचधक तब,
िन्र्ा िूयम िा प्रखर चगरधारी
उि धरा पर िब,
दव तुल्य ििक जििक े
े
र्ूल राि िलवाि ,
िकर् दवी थीं िििी
े
ु ु
िुिंस्कारों की पििाि,
े
उन्िीं गुणों ि ,
िवमगुण िंपन्ि था
यि कर्मयोगी र्िाि।