Page 34 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्नदीपम प्रथ संस्करण
श्रपकीतान
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श्रीकीतन
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एम.फनी पवन कमार
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मुत्रप– ए .फ पमवनक ारण
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सहार्क महाप्रबधक (लखा)
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सहायक हाप्रबंिक(लेखा)
स्थानान्तर्ण, आ. कार्ालर्(दद्वक्षण)
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क्षेत्रपयकायाालय:अ रणावतप
भारणत–एकआदीशादीेश
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भारणत- ह ारणप ातभन प,बहुतप्रत्येकहै।ह ारणइसदीेशकाएकतवशेिएवं
साहसपइततहासहै।ह ारणदीेशकाइततहासतभपसाहसपहुईजबतिटपशकअतिकारणपह
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मरणरणाजकरणनाशुऱूदकए।ह ारणमनवाजोंनलगभग90 सालस्वतंत्राताकतलएआंदीोलन
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दकएऔरण1947, 15 अगस्तकोह ेंस्वतंत्रतात लप।इस हायुद्ध ेंबहुतसारणदीेशभिों
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नेजपवनत्यागदकए।अतःह अमनेस्वतंत्रताकोजपतचुकहैं, मरणतुक्याफायदीा।यह
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सभपिांतपऔरणप्रा त्यागह कोस्वातंत्रददीएमरणह ारणतववेकताकोछपनतलए।आज
ह इसपस्वतंत्रभारणतकोह ारणअज्ञानककारण नष्टकरणरणहेहैं।आजभारणत ेंबहुतकछ
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होरणहेहैंजोहोनेनहींचातहए।एकज ानाथाजबह ारणभारणत ेंइतनेबाघघन तेरणहते
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थे।ह ारणायहदीेशकोबाघोंकाघरणकाना सेजानाजाताथा।मरणअबह ारणयहदीेश ें
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हपबाघनहींददीखरणहेहैं।एकज ानाथाजबह कोह ारणररणश्तेदीारणकअततररणिकछभप
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नहीं है । मरण आजह ारण ररणश्तेदीारण ह ारण तलए कछभप नहीं। आज ह दकसप को भप
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तवश्वासनहींकरणसकत, जहबदीेखोवहबअन्यायएवंअि ा।अगरणह ारणदीेशकीतस्थतत
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इतनादीपन–हपनहैतोह ारणादीेशएकआदीशादीेशकसेबनेगा।ह ह ारणमनवाजोंनेअमना
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प्रा इसतलएत्यागदकए।ह ेंइनसबक ेबारण ेंकवलसोचनाहपनहींबल्कीकछकरणना
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भपचातहएकोईभपमररणवतानएकसेहपशुरुहोताहै।प्रथ ह ेंबदीलनाचातहएतभपदीेश
बदीलेगप।
नातेरणा,ना ेरणा
यहदीेशहैसबकी,
बबाादीकरणो तयहदीेशको
जोचाहतपतेरणाभलाई
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