Page 35 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्‍नदीपम ‍  प्रथ ‍संस्‍करण ‍



                                                                                                       ु
                                                                                               संतोि क ारण
                                                                                      सहायक श्रे प II (लेखा)

                                                                                 क्षेत्रपय कायाालय : अ रणावतप


                                                         ै
                                                    े
               ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍                   बटी ह अनमोल


               अगरण आज क े स य अनुसारण चल तो लड़दकयां, लड़कों से ज्यादीा आग हैं। स झ  ें भप तरणक्की  ें भप
                                             ें
                                                                              े
               मढ़ाई -तलखाई, तहम् त, सहनशपलता औरण   ता  ें भप हरण का  करणने  ें लड़दकयां तनमु  हैं, लेदकन

               दफरण भप लोगों को मुत्र क े प्यारण से तनकालना बहुत  ुतश्कल है, क्योदक ह  लोग बेटों को घरण क े
               वाररणस औरण बेरटयों को बेगाना िन स झते हैं।



                       बेरटया हरण  ाता -तमता की आंखों का तारणा होतप हैं। बेटप घरण की रणौनक है औरण मामा की मरणप
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                                                                न
               होतप है।  ाता -तमता का अमनप बेरटयों क े साथ अटट ररणश्ता होता है जो संसारण का सबसे अन ोल
                                                     े
                                                           े
               ररणश्ता  भप   ाना  जाता  है।  बेटप  क े  छोट  -छोट  मैरण  बाबुल  क े  आूँगन   ें  रणौनक,  चहल  -महल  औरण
                ोहब्बत लाते हैं, इसपतलए ये  ाता -तमता का अन ोल ख़जाना कहप जातप हैं। अगरण आज क े स य
                           ें
                                                            े
               अनुसारण चल तो लड़दकयां, लड़कों से ज्यादीा आग हैं।


                       जो का  एक बेटप अमने  ाता -तमता क े तलए करण दीेतप है वो तो बेटा भप नहीं करण सकता। जो

                                                                े
               भावना एक बेटप की अमने  ाता -तमता क े प्रतत उसक ददील  ें होतप है,  को कोई नहीं स झ सकता।
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               बेरटया  ाता -तमता की खुतशयों, उम् पदीों औरण भावनाओं क े कद्र करणतप हैं, वहप ूँ  का  करणतप हैं तजससे
                ाता -तमता को ख़ुशप त ले। ससुरणाल  ें जाकरण अमने  ाता -तमता की तरणफ से ददीए गए संस्कारणों से

               ससुरणाल की इज्जत का भप वयान रणखतप है।

                       एक बेटप हप एक नए मररणवारण  ें जाकरण उसप क े अनुसारण खुदी को ढालतप है। अमने  पठ वचनों
                                                                                                     े
               से दीोनों घरणों को जोड़करण रणखतप है। इसपतलए तो ससुरणाल गयप बेटप मरण एक तमता को गवा होता है।
               अमने ससुरणाल जाकरण भप अमने  ाता -तमता का वयान रणखना नहीं भनलतप, वे खुदी न जाए तो फोन मरण

               हप अमने घरण का हालचाल मनछतप रणहतप है। वे उन का ों को करणतप है जो कोई भप नहीं करण सकता।

               वह हरण स य अमने  ाता -तमता की सला तप  ांगतप रणहतप है। ऐसप बेटप क े  ाता -तमता संसारण  ें
               गवा से जपवन व्यतपत करणते हैं।





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