Page 52 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्नदीपम प्रथ संस्करण
प्रतसद्धिार् ाकस्थानकनकदीुगाा ंददीरण
कनक दीुगाा ंददीरण दीेवप दीुगाा को स र्मात तवजयवाड़ा का एक प्रतसद्ध
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शतिमपठ ददीरणहै।यहआश्चयाजनकवास्तुकलाद्रतवतड़यनशैलप ेंतनर् त
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है। ददीरण, कष् नदीपकदकनारण, इन्द्रकीलद्रपकीमहातड़योंसेतघरणाहुआहै।
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इसप्राचपन ंददीरणकाउल्लेखकईमतवत्रग्रंथोंऔरणवैददीकसातहत्य ेंभप
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त लताहै।लोगइस ददीरण ेंहरणसालदीेवपकप्रततअमनासम् ानऔरण
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भतिददीखानेऔरणउनकाआशपवाादीलेनेकतलएजातेहैं। ंददीरण दीशानक
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तलएस यऔरणतनय हैंजोउनकीवेबसाइटमरणऑनलाइनबुकदकएजा
सकतेहैं।
ोगलारणाजमुरण गुफाएं
5 वींशताब्दीप कीयेप्राचपनगुफाएंतवजयवाड़ाकीतवरणासतक
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सबसे हत्वमन ास्थलों सेएकहैं।हालांदकअबयेखंडहरणहो
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चुकीहैं, बावजनदीइसकगुफाएंअभपभपिार् ाकऔरणआवयातत् क
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हत्व रणखतप हैं, क्योंदक यहां अभप भप भगवान नटरणाज औरण
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भगवानतवनायककी र्तायोंकअलावाकईगुफाऔरणदीेवपदीुगाा
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ंददीरणभपहै।
तवक्टोररणयासंग्रहालय
तवक्टोररणयाम्यनतजय अतपत ेंऱूतचरणखनेवालेलोगोंकघन नेकतलए
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बहुत अच्छप जगह है। संग्रहालय अमनप कलाकततयों से मयाटकों को
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ोतहतकरणताहै।हरणमयाटककोतवजयवाड़ा ेंघन नेकदीौरणानइसजगह
मरणजऱूरणआनाचातहए।
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रणाजपवगांिपमाक
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कष् ानदीपकतटमरणतस्थत, रणाजपवगांिपमाक ेंतवदीेशप
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जानवरणोंकसाथएकछोटासाडायनासोरणमाकहैतजस ें
प्राचपनजपवोंकीप्रततकततयांऔरणएकम्यनतजकलफाउटनहै।
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रणाजपवगािपमाकशहरण स यतबतानेकतलएआदीशास्थान
है।
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स यकसाथ-साथसंस्कतत, रणाजनपततऔरणव्यामाररणकगतततवतियांसेजुड़नेककारण इसशहरणकोआंध्र
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प्रदीेशकाह्रदीयकहाजाताहै।यहांत लपमािा युगकीकलाकततयांइसकप्राचपनसंबंिोंकीतरणफइशारणाकरणतप
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हैं।उमजाऊत ट्टपहोनेकारण यहांकतिउत्मादीनभपकाफीउन्नतहै। वता ान ेंयहशहरणअमनेऐततहातसक ुल्यों
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कसाथरणाज्यकाएकबड़ातबजनेसकतमटल' बनगयाहै।
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