Page 51 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्‍नदीपम ‍  प्रथ ‍संस्‍करण ‍


               भवानप‍द्वपम‍:‍


                       भवानप‍द्वपम‍तवजयवाड़ा‍क‍सबसे‍बड़े‍द्वपमों‍ ें‍से‍एक‍है‍औरण‍
                                               े
                                                                              े
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               कष् ा‍ नदीप‍ मरण‍ तस्थत‍ है।‍ द्वपम‍ एक‍ आरणा दीायक‍ वपकड‍  नाने‍ क‍
               तलए‍एक‍बहुत‍अच्छप‍जगह‍है।‍यददी‍आम‍साहतसक‍खेलों‍औरण‍वॉटरण‍
                                                                    े
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               स्लाइड्स‍का‍आनंदी‍लना‍चाहते‍हैं‍तो‍यह‍यात्रा‍करणने‍क‍तलए‍एक‍
               शानदीारण‍जगह‍है।‍इसका‍ना ‍दीेवप‍भवानप‍या‍कनक‍दीुगाा‍क‍ना ‍
                                                                         े
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               मरण‍रणखा‍गया‍है, तजनका‍ ंददीरण‍द्वपम‍क‍करणपब‍इद्रकीलाद्रप‍महाड़प‍मरण‍
                                                           ं
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               है।‍कष् ा‍नदीप‍क‍तट‍से‍नाव‍द्वारणा‍भवानप‍द्वपम‍महुूँचा‍जा‍सकता‍है।‍द्वपम‍मरण‍आम‍कई‍सारण‍वॉटरण‍स्मोट्र्स‍
                                                                                                    े
                                                                                     ं
               एक्टपतवटपज‍ ें‍तहस्सा‍ले‍सकते‍हैं।‍जैसे‍वाटरणस्कीइग-, कयाककग, मैरणासेललग।‍इस‍द्वपम‍मरण‍एक‍छोटा‍सा‍
                                                               ं
                                                                         ं
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               ररणजॉट‍यहां‍आने‍वाले‍मयाटकों‍को‍बेहदी‍लभाता‍है।‍यहां‍कछ‍दीेरण‍आम‍आरणा ‍भप‍करण‍सकते‍हैं।
                 ं
               उडवतल्ल‍‍गुफाएं
                                                   भारणतपय‍रणॉककट‍वास्तुकला‍का‍एक‍अखंड‍उदीाहरण       -, उनादील्लप‍
                                                                          न
                                                                      े
                                                   गुफाएं‍आंध्र‍प्रदीेश‍क‍गुंटरण‍शहरण‍ ‍तस्थत‍हैं।‍एक‍महाड़प‍मरण‍ठोस‍
                                                                                    ें
                                                   बलुआ‍मत्थरण‍से‍तनर् त, ये‍गुफाएूँ‍4 से‍5 वीं‍शताब्दीप‍की‍हैं‍औरण‍
                                                                        ा
                                                   इततहास‍प्रेत यों‍क‍तलए‍स्वगा‍हैं।‍रणाष्ट्पय‍ हत्व‍क‍संरणतक्षत‍स् ारणकों‍
                                                                                                 े
                                                                    े
                                                                           न
                                                    ें‍से‍एक, यह‍आकिा ‍ ल‍ऱूम‍से‍जैन‍गुफाओं‍का‍था‍औरण‍बादी‍ ‍    ें
                                                   एक‍ लहंदीन‍  ंददीरण‍  ‍ मररणवर्तात‍ हो‍ गया।‍ यह‍ गुफाएं‍ अमने‍ अद्भत‍
                                                                                                               ु
                                                                     ें
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                                                   तडजाइन‍क‍कारण ‍मयाटकों‍को‍आकर्िात‍करणतप‍हैं।
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                                                                               ृ
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               आम‍गुफाओं‍क‍मपछ‍बहतप‍कष् ा‍नदीप‍भप‍दीेख‍सकते‍हैं।‍मयाटक‍प्राकततक‍सुंदीरणता‍का‍आनंदी‍लते‍हुए‍नदीप‍
                                                                                                       े
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               मरण‍ नाव‍ की‍ सवारणप‍ भप‍ करण‍ सकते‍ हैं।‍ वास्तु‍ च त्कारण‍ औरण‍ ऐततहातसक‍  हत्व‍ का‍ एक‍ आदीशा‍ त श्र ,
                                                 े
               आमको‍इन‍गुफाओं‍ ें‍दीेखने‍को‍त लगा।
                                              ऐततहतसक‍कोंडामल्लप‍दकला
                                              कोंडामल्लप‍ दकला‍ एक‍ अद्भुत‍ 14  वीं‍ शताब्दीप‍ का‍ दकला‍ है‍ जो‍
                                                                    न
                                                                             े
                                                           े
                                              तवजयवाड़ा‍क‍मास‍गुंटरण‍तजले‍क‍कोंडामल्लप‍गाूँव‍ ें‍तस्थत‍है।‍शानदीारण‍
                                                                                                    े
                                              दकले‍ का‍ ऐततहातसक‍  हत्व‍ है‍ औरण‍ यह‍ दीुतनया‍ भरण‍ क‍ मयाटकों‍ को‍
                                                                                                 े
                                              आकर्िात‍ करणता‍ है।‍ तवजयवाड़ा‍ से‍ इसकी‍ तनकटता‍ क‍ कारण ‍ स्थानपय‍
                                                                                                            ं
                                                                                                  े
                                              लोग‍त त्रों‍औरण‍मररणवारण‍क‍साथ‍एक‍ददीन‍की‍तमकतनक‍क‍तलए‍यहा‍आते‍
                                                                      े
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               हैं, जो‍तसफ‍23 दकलो पटरण‍दीनरण‍है।‍आमको‍बता‍दीें‍दक‍यह‍गांव‍लकड़प‍क‍तखलौनों‍क‍तलए‍प्रतसद्ध‍है,
                                            े
               खासकरण‍कोंडामल्लप‍गुतड़या‍क‍तलए।‍कोंडामल्लप‍दकले‍को‍कोंडामल्लप‍कोटा‍भप‍कहा‍जाता‍है‍औरण‍यह‍
                ुसुनुरणप‍नायक‍द्वारणा‍बनाया‍गया‍था।‍कई‍लोग‍ ानते‍हैं‍दक‍इस‍शाहप‍दकल‍को‍14 वीं‍शताब्दीप‍क‍दीौरणान‍
                                                                                                          े
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                नोरणजन औरण‍व्यामारण‍क‍कद्र‍क‍ऱूम‍ ें‍बनाया‍गया‍था।‍इस‍क्षेत्र‍ ें‍रणहते‍हुए‍कोंडामल्लप‍दकले‍की‍यात्रा‍
                                             े
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               दकए‍तबना‍लौटना‍नहीं‍चातहए।

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