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2    AAIConnect                                                                         Issue 08 | June 2022





                 अध्यक्ष की डसक से
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                                                                                                        े
                         ज, भारत समग्र रूप से स्ापपत                       रहे हैं तापक यह सुपनलचित पकया जा सक पक कोई
                                                 े
                         नवीकरणीय  ऊजाजा  क्षमता  क                        भी कचरा हवाई अडे क पररसर से राहर न जाए
                                                                                             े
                                                                                        े
             आ मामले में पवश्व सतर पर चतु्जा                               और उतपन्न कचर को पुन: उपयोग और पुनचजाक्रण
             स्ान पर है और वरजा 2030 तक अपनी ऊजाजा की                      पवधरयों को लागू करक स ं साधरत और प्ररंधरत
                                                                                             े
             आवशयकताओं क 50 प्रपतशत भाग को ऊजाजा                           पकया जाए।
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             क नवीकरणीय स्ोतों से पूरा करने त्ा क ु ल                         कारजान को पनष्‍प्रभावी करने की पदशा में कायजा
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                                                                                          े
             अनुमापनत कारजान उतसजजान को एक परललयन टन                       करते हुए भापवप्रा क हवाई अडे कारजान प्ररंरन में
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             तक कम करने क ललए प्रपतरद्ध है। नवंरर 2021   श्री स ं जरीव क ु मार   सववोत्तम कायजा प्रणाललयों को लागू कर रहे हैं। लेह
                                                        अध्यक्ष, भा.वि.प्ा.
             में गलासगो में आयोलजत (COP26) शशखर सममेलन                    हवाई अडा पनकट भपवष्‍य में एक उत्क कृ ष्ट उदाहरण
             में पनराजाररत माननीय प्ररानम ं त्ी जी क इस उद्ेशय में योगदान   होगा जहा ं  सौर और भूतापीय ऊजाजा का अधरकतम प्रयोग कर हवाई
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                                                                     े
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             दते हुए पयाजावरण क प्रपत जागरूक सावजाजपनक क्षेत् क उद्यम क   अडे क टध ्मनल भवन को वहनीय रनाने क प्रयास पकए जा रहे हैं।
                                                                                              े
             रूप में भारतीय पवमानपत्तन प्राधरकरण (भापवप्रा) ने 2024 तक   कारजान मैप ्र पग और न्यूनीकरण हेतु एक कायजा योजना भी तैयार की
             हवाई अडों पर हररत ऊजाजा क 100% उपयोग का लक्ष् रखा है।   गई है, लजसक अंतगजात 26 हवाई अडों पर पहले चरण में पदस ं रर
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             भापवप्रा क हवाई अडे, हवाई अडा प्रचालन में प्रपत यूपनट ऊजाजा की   2022 तक एसीआई सतर-2 और पदस ं रर 2025 तक एसीआई
             तीव्रता को कम करने, धग्रड परजली, डीजल या जीवाशम ईंरन पर   सतर -3 + प्रापत करने की योजना रनाई गई है।
             पनभजारता को कम करने त्ा नवीकरणीय ऊजाजा क स्ोतों क माधयम   हाल ही में, मुझे 20 और 23 जून 2022 क रीच CANSO
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             से नवीकरणीय ऊजाजा उत्पन्न करने की पदशा में कायजा कर रहे हैं।   ए्जी्यूटटव शशखर सममेलन में भाग लेने क ललए मैपड रि ड, सपेन
                                                                                                             ें
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               हवाई अडों पर हररत ऊजाजा क उपयोग को प्रोतसापहत करते   में भापवप्रा दल का नेतकृत्व करने का अवसर धमला। भापवप्रा कसो
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                                                                                                             ें
             हुए भापवप्रा क 43 हवाई अडों पर 40.33 मेगावाट शक्त की   (सीएएनएसओ) का पूणजा सदसय है एवं मुझे प्रसन्नता है पक कसो
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             स ं यु्त क्षमता वाले सौर ऊजाजा स ं य ं त् स्ापपत और प्रारम्भ पकए   ने 2045 क ललए अपने साझे दृपष्टकोण को उद्ाटटत पकया
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             गए हैं। भापवप्रा क हवाई अडे प्रपत वरजा सौर ऊजाजा क माधयम से   लजसमें सवच्छ आकाश, प्रचालन दक्षता में सुरार और उतसजजान,
                                                                                             े
             लगभग 980 लाख यूपनट ऊजाजा का उतपादन कर रहे हैं लजससे हमें   प्रदूरण और ईंरन की खपत में कमी क पवरय पर चचाजा की गई।
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             80,000 टन कारजान डाइआ�कसाइड (सीओ2) क ररारर कारजान   इस दृपष्टकोण को सवीकारते हुए, भापवप्रा ने प्रदशजान आराररत
             फ ु टप ्र प्रट को कम करने में सहायता धमली है।      पदक्ालन, वायु यातायात प्रवाह प्ररंरन, नागररक सैन्य सहयोग
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               पनध ्मत होने वाले नए हवाई अडों और टध ्मनल भवनों क   और एटीएस सवचलन द्ारा वायु क्षेत् क सस्पत अनुरूप उपयोग
             ललए GRIHA-5 क अंतगजात हररत भवन मानद ं डों को अपनाने   को सफलतापूवजाक लागू पकया है जो ईंरन की कम खपत और
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             का भी पनणजाय ललया गया है लजससे हररत भवन की अवरारणा   पररणामसवरूप उतसजजान में कमी कर भारी लाभ प्रदान कर रहा है।
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             क कायाजान्वयन को सुपनलचित पकया जाएगा। इसमें स्ायी साइट   अधभनव उतपादों और प्रपक्रयाओं को अपनाकर अपने हवाई
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             योजना, जल प्ररंरन एवं हवाई अडे क आराररक अवस ं रचना   अडों और एएनएस की वहनीयता रढाने की पहल क पररणाम
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             क पडजाइन और पनमाजाण में पयाजावरण अनुक ू ल रायोपडग्रेडरल   आने प्रारम्भ हो गए हैं और इससे इस क्षेत् में पनर ं तर सुरार क
                                                                                                               े
             और ऊजाजा दक्ष सामग्री का उपयोग समममललत है। हमार हवाई   ललए भापवप्रा का स ं कलप और सुदृढ हुआ है लजससे दीरजाकाललक
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             अडे भी वयापक ठोस अपशशष्ट प्ररंरन प्रणाली की स्ापना कर   पवकास स ं रंरी राष्ट रि  क लक्ष्ों में योगदान प्रापत होगा। ■
             Solar Plant at
             Kolkata Airport
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