Page 6 - डी एन ए और पदचिन्ह
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अध्याय २- अस्पताल म�
पा�रवा�रक �पक�नक के नाम पर हम सब अस्पताल आये हए थे। दादाजी के इलाज के �लए पापा अब तक कई
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बार उन्ह� यहा ला चुके थे। दादाजी क� �बमार� का अब एक नाम भी था और वह था - अटैिक्सआ! बड़� से मुझे इस
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नाम का मतलब पता नह� चला तब म�न गूगल म जाकर इसका मतलब देखा तो पता चला क� चलने �फरने के
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�वकार को अटैिक्सआ कहत ह�।
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इसका कारण �दमाग क� क ु छ को�शकाए जो हमार� चलने �फरन क� �मता को �नयं�त्रत करती ह�, वे अगर �कसी
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�कसी कारणवश काम करना बंद कर द� तो अटैिक्सआ क� प�रिस्थ�त उत्पन्न हो सकती है। कभी कोई दुघर्टना या
वयिस्थ�त के कारण ये हो सकता है और कभी हमारे जीन के �कसी उत्प�रवतर्न क� वजह से �दमाग क� को�शकाए ं
या त�त्रकको�शकाए समय से पहले ह� नष्ट होने लगती ह�।
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दादाजी को क ु छ पर��ाए करवानी पड़ी, अगर उनका �रपोटर् नकारात्मक आया तो इसका मतलब यह हआ �क
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उनके जीन म अटैिक्सआ के उत्प�रवतर्न मौजूद ह� और आग आन वाले समय म उनक� क�ठनाई और बढ़ने वाल�
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थी क्य��क यह �बमार� दवाइय� से ठ�क होने वाल� नह� थी।
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