Page 8 - डी एन ए और पदचिन्ह
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�वद्याआलाय। इसम कई बार आ �क मात्रा और खुद आ भी गलती से �लख देता था, वाक्य �लखत समय ऐसे
                                 �
                                                                                                 े
               �लखता था-


                आज   म�  घर  घर  पर  ह�  रुकता  हँ।  बाहर  बहत  बहत  बा�रश  हो  रह�  है।
                                                     ु
                                                 ु
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               हमारा डीएनए भी ऐसे ह� इंिग्लश के  चार अ�र� से �मलकर बना हआ है िजनम से तीन अ�र� का समवेत रूप
                                                                                े
                                                                      ु
               एक  एक  शब्द�  �क  तरह  आपस  म  जुड़त  हए  हमार�  पूर�  जीवन  �क  कहानी  को  �लखते  ह�।  अब  दादाजी  के
                                            �
                                                  े
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               अटैिक्सआ के  जीन को असल म ऐसा �दखना चा�हए था-
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                                         ATGGACCAGCAGCAGGCCTCC
                         पर प�रल�ण के  बाद पता चला �क वास्तव म उनके  अटैिक्सआ का जीन ऐसा �दखता है –
                                                             �
                                 ATGGACCAGCAGCAGCAGCAGCAGCAGGCCTCC

               अब हम यह तो पता था �क हमारे जीन �क दो प्र�त�ल�पया हमार� को�शकाओ म पायी जाती ह� िजनम से एक हम  �
                                                                             ं
                                                                                                े
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               पापा से और एक हम मम्मी से �मलता है। और दादाजी क� अटैिक्सआ वंशाणु क� एक प्र�त�ल�प ठ�क थी पर एक
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               म उत्प�रवतर्न था और यह एक ह� उत्प�रवतर्न उनको बीमार करने के  �लए काफ� था।
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               दादाजी ने पुछा " यह जानना हमारे �लए क्य� ज़रूर� है?" पर दूसर� तरफ म� यह सोच रहा था क� वै�ा�नक अंकल
               ने हमारे और पापा के  �लए बनाये गए चौकोर आक ृ �तय� म प्रश्न�चन्ह क्य� बनाया है? हम दोन� ज़रुरत से ज़्यादा
                                                              �
               सवाल पूछ रहे थे क्या?


               पर उन्ह�ने बताया �क ऐसा �बलक ु ल नह� था। दरअसल सवाल पापा के  अटैिक्सआ जीन का था, अगर उनको
                                                 ं
               दादाजी से अटैिक्सआ जीन �क अच्छ� प्र�त�ल�प �मल� और दाद�जी से भी �मल� हई प्र�त�ल�प ठ�क हई तो पापा
                                                                                  ु
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               को �कसी बात का डर नह� था पर अगर दादाजी से उनको उत्प�रव�तर्त जीन �क प्र�त�ल�प �मल� हो तो �फर
                                     ं
               प�रवार म सबसे ज्यादा मान�सक रूप से मज़बूत मुझे ह� होना पड़गा और अभी दादाजी �क एवं आन वाले समय
                                                                     े
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               म पापा �क देखभाल मुझे ह� करनी पड़गी I
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               वैसे तो डीएनए म कोई भी उत्प�रवतर्न जन्म के  समय से ह� मौजूद होता है पर अटैिक्सआ के  ल�ण उम्र बढ़न के
                                                                                                       े
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               साथ साथ प�रल��त होता है।  उस �हसाब से पापा के  पास अभी पता करने के  �लए समय था  और डॉक्टर अंकल
               ने उनको सुझाव �दया �क अगर वे अपना डीएनए टेस्ट करवाना चाहत  ह� तो इसम व�ा�नक अंकल उनक� मदद
                                                                        े
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               कर सकते ह� I इसका �नणर्य पापा को खुद लना था क्य��क बहत से लोग पहले से ह�  डीएनए प�र�ण नह�
                                                                                                          ं
                                                                    ु
               करवाना चाहत ह�, पर मम्मी और पापा ने �नणर्य ले �लया था �क िजतनी जल्द� पता चलेगा उतनी
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                                                      े
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               जल्द� वे लोग इसके  �लए तैयार होने लगग।
               भ�वष्य म मरे और अपने �लए पहले से ह� योजनाए बनाने के  �लए पापा और मम्मी को यह डीएनए टेस्ट करवाना
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               ज़रूर� लग रहा था, और इसके  �लए हम सब वै�ा�नक अंकल के  प्रयोगशाला (जो आई जी आई बी म उपिस्थत
                                                                                                 �
               था) म पहचे। वहा दादाजी , मम्मी और पापा को अपने अपन लार का नमूना देना था िजसमे ढेर सार� को�शकाए  ं
                       ं
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               होती ह� और व�ा�नक , जांच करने के  �लए  उसी म से डीएनए �नकाल लेते ह�। म� अभी छोटा था इस�लए मेरा
                                                          �
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               डीएनए प�र�ण नह� हआ था।
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