Page 15 - CSIR-IGIB Annual Report 2020-21
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इम्यूनोडायग्नोिस्टक्स के  �वकास क� �दशा म� उनके  प्रयास� पर प्रकाश डालते ह�। उनका ध्यान दु�नया भर के  प्रमुख

                क � द्र� के  सहयोग स �च�कत्सक�य रूप स अच्छ� तरह स प�रभा�षत मामल� म� स्पे�शओ-टम्पोरल �वशषताओं पर है।
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                ज�टल ऊतक� म� प्रोट�न स्तर पर �वघटनकार� �व�वधताओं के  �लए कम्प्यूटशनल दृिष्टकोण क� आवश्यकता होती
                                                                             े
                है। दबाशीष दास  क� प्रयोगशाला सावर्ज�नक रूप स उपलब्ध डेटासट म� प्रोट�जीनो�मक दृिष्टकोण का उपयोग करके
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                मिस्तष्क-ऊतक �व�शष्ट प्रोट�ओफॉमर् क� पहचान पर �रपोट दशार्ती है।
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                आईजीआईबी म�, फनोटाइ�पक प�रणाम� पर आनुवं�शक प�रवतर्न� और पयार्वरणीय तनाव के  प्रभाव को समझन के
                                                                                                          े
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                �लए कई मॉडल �सस्टम का उपयोग �कया जा रहा है। मानव जीन के  कायर् को संबो�धत करन के  �लए सबस लोक�प्रय
                                                                                         े
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                मॉडल प्रणा�लय� म� स एक जब्रा�फश है। चेतना सिच्चदानंदन क� प्रयोगशाला रोग और उपचार संशोधक के  रूप म�
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                छोटे आण�वक संशोधक�  के   रासाय�नक -आनुवं�शक संबंध�  स दृिष्टगोचर कराती ह�। यहां वह जब्रा�फश म� सूजन
                                                                                               े
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                प्रे�रत फै ट� ल�वर रोग के  एक मॉडल और छोटे अणुओं का उपयोग करके  इस फनोटाइप को ठ�क करन के  प्रयास� पर
                                                                                                 े
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                �रपोट करती है। �ववेक ट�. नटराजन  क� प्रयोगशाला मलानोसाइट प्रवासन को समझन के  �लए जब्रा�फश मॉडल का
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                उपयोग कर रह� है, जो �वकास के  समय पैट�न�ग के  �लए एक महत्वपूणर्  कदम है। यहां वह कॉग्नट समाफो�रन-
                                                                                                    े
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                समाफो�रन �रसप्टर जोड़ी पर �रपोट करते  ह� , जो �वकासशील मछल� म� मलानोब्लास्ट प्रवास के  �लए महत्वपूणर्
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                है। B16 मलानोसाइट्स म� समानांतर प्रवासन संकत� क� आण�वक समझ को स�म बनाता है।
                स्वास्थय और अस्वस्थता के  मध्य �नणर्यकार� संके तन प्र�क्रयाओं को समझने के  �लए सरल जीव� का
                अध्ययन लाभकार� होता है।कौ�शक चक्रवत� क� प्रयोगशाला E.coli म� �कए गए आनुवं�शक दृिष्टकोण पर �रपोटर्
                करती है ता�क मॉडल प्रोट�न� म� उत्प�रवतर्नीय प�रदृश्य को बफर करन म� उपापचय क� भू�मका को संबो�धत �कया
                                                                         े
                जा सके । जवभौ�तक�य अध्ययन� के  साथ इस दृिष्टकोण को लागू करते हए, उनक� प्रयोगशाला यह पहचानने क�
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                राह पर है �क मटाबोलाइट्स �व�शष्ट उत्प�रवतर्न को कै स बफर कर सकते ह�, िजसस प्रो�टयोस्ट�सस प्राप्त हो सकता
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                ठ�क संरचना-कायर् संबंध� क� स्थापना जीव �व�ान क� आधार�शला है और एकल अमीनो ए�सड प�रवतर्न� के  रूप म�
                छोटे प�रवतर्न जीवन र�क एंट�बायो�टक दवाओं क� प्र�त�क्रया को प्रभा�वत करते ह�। भूपेश तनेजा क� प्रयोगशाला
                म� इस सामान्य �वषय स क � द्र�य रूप स जुड़े कई कायर्क्रम ह�, िजसका उद्दश्य त्वचा म� संक्रमण पैदा करन वाल  े
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                बैक्ट��रया और कवक म� रोगाणुरोधी प्र�तरोध के  �वकास के  समाधान क� पेशकश करना है। वह माइकोबैक्ट��रया म�
                राइबोसोम-ल��त एंट�बायो�टक दवाओं के  प्र�तरोध के  �वकास के  �लए �मथाइलट्रांसफरज़ आधा�रत तंत्र क� पहचान
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                पर �रपोट करते   ह�  I  उनक�  प्रयोगशाला  वैिश्वक  ट्रांस�क्रप्टोम  �वश्लषण  को  भी  लागू  कर  रह�  है  और
                डमार्टोफाइट्स के  मामल म� फं गल जीन ल�यीकरण के  द्वारा टर�बनाफाइन प्र�तरोधी तंत्र को संबो�धत
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                                                                          े
                कर रह� है।
                उपलब्ध दवाओं के  �लए उ�रो�र दवा प्र�तरोध म� वृद्�ध के  साथ, और नए एंट�माइकोबैक्ट��रया के  �खलाफ
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                उभरते प्र�तरोध के  खतर के  साथ, ट�बी म� पो�षत अनुक ू ल  उपचार  कई लाभ प्रदान करते ह�।  ट�बी
                �नयंत्रण के  �लए मान्य प्रीिक्ल�नकल दृिष्टकोण� म� रोगाणुरोधी प्र�त�क्रया और  संक्रमण के  मध्य पो�षत
                के  अनुक ू ल सामंजस्य और दाहक  प्र�त�क्रया को ट्यून करना काफ� लाभकार� होता है। �ववेक राव क�
                प्रयोगशाला ने ट�बी के  �लए एक सहायक �च�कत्सा के  रूप म� संक्रमण के  प्र�तरोधी और अ�तसंवेदनशील
                मॉडल का उपयोग करके   नैदा�नक रूप स अनुमो�दत एंट�-�डप्रस�ट- सरट्रालाइन क� खोज पर �रपोटर् द�।
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                तथ्य यह है �क TypeI IFN अ� के  अवरोधक� क� खोज के  द्वारा इसक� पहचान क� गई थी, उनक�
               Annual Report 2020-21                                                                       12
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