Page 17 - CSIR-IGIB Annual Report 2020-21
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                समझन  के   �लए  संगणक�य  (कम्प्यूटशनल)  जीव  �व�ान  का  उपयोग  करती  है।  यहां  वह  �झल्ल�(
                                                                                         ै
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                membrane) म� परमाणु स्तर के  एमडी �समुलशन का उपयोग करते हए ऑटोफजी प्रोट�न LC3 और
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                GABARAP, और SARS-CoV2 वे�रएंट क� संरचनात्मक समझ पर �रपोट करती ह�। दबाशीष दास
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                                                                                  े
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                रै�पड-सीट� के  �वकास पर �रपोट करते ह� जो कं प्यूटड टोमोग्राफ� डेटा स इट्राक्रनीयल हमोरज का पता
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                लगान और �नदान के  �लए एक आ�ट�फ़�शयल इटे�लज�स पर आधा�रत उपकरण है। इसी तरह, उनके
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                समूह ने चेस्ट एक्स-र स COVID-�नमो�नया का पता लगान और �नदान के  �लए CovBaseAI �वक�सत
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                �कया। अभय शमार् ने COVID-19 के  �खलाफ दवा प्राथ�मकता क� भ�वष्यवाणी के  �लए ट्रांस�क्रप्टोम डेटा
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                �वश्लषण का उपयोग करते हए �रपोट द�। एस रामचंद्रन क� प्रयोगशाला मधुमह म� मौजूद पथ� का एक
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                नेटवक उत्पन्न करन के  �लए जीन सह-अ�भव्यिक्त �वश्लषण के  उपयोग पर �रपोट करती है जो रोग क�
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                प्रग�त और उपचार क� भ�वष्यवाणी को स�म कर सकती है।
                यह �रपोट हमारा ध्यान इस ओर भी लाती है �क आईजीआईबी के  वै�ा�नक� क� एक ट�म ने COVID-
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                19 क� घटना के  खतर का समाधान खोजन क� �दशा म� कै स काम �कया। शीतल गंडोत्रा, �ववेक राव,
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                श्रीधर �शवसुब्बू और �वनोद स्का�रया द्वारा �नदान के  �लए तैयार� और प्रार�भक प्रोटोकॉल �वकास स
                शुरू होकर, मोहम्मद फारूक और श्रीधर �शवसुब्बू क� ट�म� द्वारा स्के �लंग करन के  �लए, �वनोद स्का�रया
                                                                                      े
                और श्रीधर �शवसुब्बू क� ट�म� द्वारा वायरल जीनोम अनुक्रमण के  �लए एक पू�लंग आधा�रत रणनी�त के
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                �वकास के  �लए, राजेश पांडे क� ट�म द्वारा पॉइट ऑफ के यर सीक्व��संग तकनीक� क� तैनाती ,हवाई अड्ड�
                जस महत्वपूणर् स्थान� पर, आईजीआईबी ने वायरस के  न्यूिक्लक ए�सड पर आधा�रत सभी शोध� को
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                समा�वष्ट �कया। दबोज्यो�त चक्रवत� क� प्रयोगशाला के  साथ, सौ�वक माइती के  दल ने COVID19 के
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                �लए एक CRISPR आधा�रत डायग्नोिस्टक �वक�सत �कया जो आईजीआईबी म� FnCas9 के  �वकास पर
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                चल रहे शोध पर आधा�रत था और िजस भ�वष्य म� लटरल फ्लो प्लटफॉमर् पर अपनाया जा सकता है।
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                यह महसूस �कया गया था �क न्यूिक्लक ए�सड आधा�रत पहचान अस्थायी है और देश म� जो�खम के
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                स्तर को समझन के  �लए संक्रमण का पता लगान के  अन्य साधन� क� आवश्यकता हो सकती है। अनुराग
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                अग्रवाल  और  शांतनु  सनगुप्ता  के   नेतृत्व  म�,  देश  भर  म�  सभी  सीएसआईआर  प्रयोगशालाओं  के   साथ
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                भागीदार� करते हए एक दशव्यापी सीरोसव� �कया गया। �व�भन्न शहर� म� महामार� के  �वकास को सू�चत
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                करन म� अपनी तरह का यह पहला कायर्क्रम महत्वपूणर् था।










               Annual Report 2020-21                                                                       14
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