Page 16 - CSIR-IGIB Annual Report 2020-21
P. 16
प्रयोगशाला के वतर्मान प्रयास� ने इस मागर् क� अ�धक व्यापक समझ के �लए और� को प्र�रत �कया है
े
िजसम� अन्य FDA-अनुमो�दत दवाओं को ट�बी के �खलाफ पूवर्-नैदा�नक पाइपलाइन म� शा�मल करन क�
े
�मता है। ऊजार् उत्पादन के �लए उपापचयी पथ का चुनाव माइकोबैक्ट��रया के �खलाफ जन्मजात-प्र�तर�ा,
र�ा के महत्वपूणर् �नयामक प्रतीत होते ह�। �ववेक राव क� प्रयोगशाला के शोध और �नष्कषर् के अनुसार
एक माइटोकॉिन्ड्रयल प्रोट�न जन्मजात को�शका स�क्रयण अवस्था का �नधार्रक होता है। जब�क फै ट� ए�सड
के ऑक्सीडे�टव �रण के �लए माइटोकॉिन्ड्रया ल��त गंतव्य है, �ल�पड बूंद� उनके �लए एक स्टोर-हाउस
े
ह�। ट�बी घाव� के भीतर �ल�पड बूंद� क� असामान्य रूप स उच्च बहतायत शीतल गंडोत्रा क� प्रयोगशाला
ु
का क � �द्रत �ेत्र रहा है। यहां वह संक्रमण के एक अ�तसंवेदनशील माउस मॉडल म� इस �ल�पड क� भू�मका
े
े
र्
पर �रपोट करती ह�, िजसम� ईकोसैनॉइड स्तर को �व�नय�मत करने के साथ-साथ ट�बी वाल फफड़� म�
ट्रांस�क्रप्शनल �नयंत्रण म� ट्राइिग्लसराइड संश्लषण द्वारा �नभाई गई दोहर� भू�मका को �च�त्रत �कया गया
े
है। यह अध्ययन न के वल ग्रन्युलोमा ट्राइिग्लसराइड संश्लषण को ल��त करन के संभा�वत लाभ क� ओर
े
े
े
े
े
े
इशारा करता है, बिल्क यह मैक्रोफज म� �ल�पड ड्रॉपलट जीव �व�ान को समझन क� आवश्यकता क� ओर
भी इशारा करता है। उनका समूह माइकोबैक्ट��रयम ट्यूबरक ु लो�सस प्रे�रत �ल�पड ड्रॉपलेट प्रो�टओम म�
प�रवतर्न के प्रयास� पर ध्यान क � �द्रत कर रहा है।
जब फे फड़े बड़ी मात्रा म� बलगम स्रा�वत कर रहे ह�, तो �व�शष्ट न्यूिक्लक ए�सड के सट�क �वतरण के
े
�लए फफड़� के ऊतक� को ल��त करना चुनौतीपूणर् होता है। मु�नया गांगुल� क� प्रयोगशाला ने एक
े
े
े
ै
े
र्
म्यूकस पनेट्र�टंग पप्टाइड आधा�रत नैनोक�रयर के �वकास पर �रपोट द� है जो सूजन वाल फे फड़े के
े
ं
ऊतक� को प्लािस्मड DNA या siRNA पहचान म� स�म है। इस दृिष्टकोण का पर��ण उनक� प्रयोगशाला
ु
े
म� �वक�सत क्वाट्ज-प्रे�रत माउस फाइब्रो�सस मॉडल म� �कया गया है और यह फफड़� क� अन्य बीमा�रय�
र्
े
के �लए पर��ण करन के �लए एक आशाजनक तर�का है। इसके अलावा, उनक� प्रयोगशाला त्वचा के �लए
े
े
े
एक नवीन साम�यक �वतरण पद्ध�त पर भी काम करती है िजस यूवी �व�करण स फोटोप्रोटक्शन के �लए
�वक�सत �कया जा सकता है।
े
IGIB वै�ा�नक भी सीध रोगजनक जीव� को ल��त करन के �लए अपन शोध को �नयोिजत कर रहे ह�।
े
े
े
त्वचा संक्रमण करन वाल बैक्ट��रआ Propionibacterium acnes म� रोगाणुरोधी प्र�तरोध क� �मता
े
देखी गई है। हेमंत क ु मार गौतम क� प्रयोगशाला बैक्ट��रआ P. acnes के जीनोम पर आधा�रत ल�ण-
े
वणर्न पर काम करती है। एएमआर वाल चुनौ�तय� को दूर करन के �लए, उनक� प्रयोगशाला काइटोसन-
े
ल�पत प्रुशीऑन ब्लू नैनोपा�टकल्स का उपयोग करके जीवाणुरोधी फोटोथमर्ल थेरपी �वक�सत कर रह� है।
े
े
र्
े
े
प्रद�प क ु मार क� प्रयोगशाला �व�भन्न पॉल�म�रक नैनोकॉन्जुगट्स के रूप म� क ु शल रोगाणुरोधी �वक�सत
े
करन पर काम कर रह� है। यहां उन्ह�न दवा प्र�तरोधी उपभद� के �खलाफ उच्च द�ता वाल पॉल�डोपामाइन-
े
े
े
र्
ए�मनोग्लाइकोसाइड संयुग्म� के �वकास क� �रपोट द�। राजेश पांडे क� प्रयोगशाला ने संक्रमण के दौरान
पो�षत और रोगजनक क� जीनो�मक्स आधा�रत समझ पर एक कायर्क्रम शुरू �कया है, जो SARS-Cov2
े
जीनोम के �वकास का पता लगान म� महत्वपूणर् योगदान देता है।
आईजीआईबी म� न के वल बु�नयाद� जीव �व�ान को समझने के �लए बिल्क महत्वपूणर् स्वास्थ्य संबंधी
े
े
मुद्द� को समाधान प्रदान करन के �लए संगणक�य उपकरण (कम्प्यूटशनल ट ू ल) का उपयोग और �वकास
�कया जाता रहा है। �ल�प ठ ु कराल क� प्रयोगशाला परमाणु स्तर पर प्रोट�न संरचना-कायर् संबंध� को
Annual Report 2020-21 13