Page 4 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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भाि् सिकाि,
                                                                           िाजभाषा ववभाग,
                                                                            गृह मंत्ाल्य,
                                                                        Government of india
                                                                   Department of official language
                                                                       Ministry of home affairs
         डॉ सुसम् जैि्थ, आई.ए.एस.सधिव
         Dr. SUMEET JERATH, I.A.S. Secretary
                                                        े
                                                     संदश
                                                                        े
                अतयंत हर्ष और गव्ष का पवरय ह दक भारतीय लखापरीक्ा और लखा पवभाग, काया्षलय महानििर्क
                                            ै
                                                                                                 े
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                                                                 े
                                                     ं
         लखापरीक्ा, वैज्ानिक पवभाग, कोलकाता र्ाखा दहिी पखवाड क पुिीत अवसर पर अपिी रािभारा दहिी
                                                                      ै
         पपत्रका “आकांक्ा” का आठवा अंक (2020) प्रकानर्त करि िा रहा ह।
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                                                             े
         2. 14 सस्ंबि, 2020- हहंदी हदवस क पावन अवसि पि िाजभाषा ववभाग, गृह मंत्ाल्य की ओि स आप
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                                                                                                े
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         सभवी को मिी हाहदक शुभकामनाए।  ं
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         3. सवतंत्रता क बाि, 14 नसतंबर, 1949 को संपविाि सभा ि दहिी को संघ की रािभारा क रूप म
                                                                     ं
                                                                                             े
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         अंगीकार दकया था। अतीः हर वर्ष 14 नसतंबर दहिी दिवस क रूप म मिाया िाता ह। संपविाि क अिचछि
                                                  ं
                                                                   ें
                                                                                                 ु
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                                                                                    े
         343 क अिसार संघ की रािभारा दहिी और नलपप िविागरी ह। संपविाि क अिचछि 351 क अिसार
                                                                                             े
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         संघ का यह कत्षवय ह दक वह दहिी भारा का प्रसार बढाए, उसका पवकास कर जिसस भारत की सामानसक
                                                                                             े
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                                                                                                  ु
         संसकनत क सभी ततवों की सर्क्त अनभवयपक्त का माधयम बि सक। रािभारा संकलप, 1968 क अिसार
             ृ
                                                                                                    ै
            ें
         हम रािकीय प्रयोििों क नलए उत्तरोत्तर प्रयोग हतु और अनिक गहि एवं वयापक काय्षक्रम तैयार करिा ह।
                                                   े
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         4. रािभारा नियम, 1976 क नियम 12 क अिसार कनद्रीय सरकार क प्रतयक काया्षलय क प्रर्ासनिक
                                                                                          े
                                  ै
         प्रिाि का यह उत्तरिानयतव ह दक वह रािभारा अनिनियम 1963, नियमों तथा समय-समय पर रािभारा
                                                                                ं
         पवभाग विारा िारी दिर्ा-नििर्ों का समुनित रूप स अिुपालि सुनिजचित कराए, इि प्रयोििों क नलए
                                                       े
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         उपयुक्त और प्रभावकारी िांि-पबिु बिवाएं और उपाय करें। िाजभाषा नवीत् प्रिणा, प्रोतसाहन औि सद्ावना
                                     ं
                                                                            े
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         पि आिारि् होन क कािण आपस ्यह अनुिोि ह कक एक उतसाहवि्षक वा्ाविण सृजज् कि सभवी
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         अिवीनस्थ अधिकारि्यों को मूल का्य्ष हहंदी में किन क सलए प्ररि् किें।
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                                                                                     े
         5. िाषट्रवप्ा महातमा गांिवी न कहा ्था- “िाषट्री्य व्यवहाि में हहंदी को काम में लाना दश की एक्ा औि
                                                                                                    ै
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                                  ै
         उननत् क सलए आवश्यक ह।” यह सव्षपवदित ह दक राष्ट् निमा्षण म दहिी की महतवपूण्ष भूनमका रही ह।
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                                                                                  ें
         आि दहिी का महतव ििभारा, संपक भारा, रािभारा और वजविक भारा क रूप म बढ रहा ह।
                ं
                                                                                            ै
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         6.  दहिी  एक  वैज्ानिक,  वयापक,  समृद्ध,  सर्क्त  और  िीवंत  भारा  ह।  रािभारा  पवभाग,  गृह  मंत्रालय
                                                                   ें
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         रािभारा दहिी क सरलीकरण और लोकपप्रयता बढाि की दिर्ा म दृढ संकलप और निरतर प्रयासरत ह।
                                                                                                    ै
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         अ्ः मैं आप सभवी को आहवान कि्ा ह कक अपन प्रिणादा्यक न्ृतव औि क ु शल माग्षदश्षन में आप
                                                                     े
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         सिकािी काम-काज में िाजभाषा हहंदी का अधिक्म प्र्योग कि्े हए अपन संवैिातनक औि सांववधिक
                                                                             े
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         उत्िदात्यतवों का पूण्ष्ः तनवा्षह किें।
                िय दहनि!
                                                                                 (रॉ सुनमत िैरथ)
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