Page 6 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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                                                                                      े
                                                                     का्या्षल्य महातनदशक लखापिीक्ा,
                                                               प्या्षविण एवं वज्ातनक ववभाग, कोलका्ा शाखा,
                                                                          ै
                                                                  O/o the Director General of Audit,
                                                                Environment & Scientific Departments,
                                                                          Kolkata Branch

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         ्ान्या ससंह, तनदशक
         TANYA SINGH, Director
                                                     संदश
                                                        े


                                           ै
                यह अतयनत गौरव का क्ण ह दक इस काया्षलय विारा रािभारा दहिी क प्रिार-प्रसार की दिर्ा
                                                                                े
                                                                            ं
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         म वापर्षक पपत्रका ‘आकाक्ा’ क आठव अंक (वर्ष 2020) का प्रकार्ि दकया िा रहा ह। महामारी की इस
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                                                                                   ें
         पवरम पररजसथनत क िौर म भी दहिी पपत्रका क नलए सभी क उतसाह एवं सहयोग म कोई कमी िही आई
                                                  े
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         ह, िो अतयंत सराहिीय एवं प्ररणािायक ह।
                भाराई सतर पर दहिी ि कवल संप्ररण क माधयम क रूप म िि-िि क बीि संपक सतु बिा
                                                               े
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         हुआ ह अपपतु पववि पटल पर भी भारत को गौरवाजनवत कर रहा ह। ऐस म मैं आर्ा करती हूँ दक सभी
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                                ं
                                                                                 े
         सटाफ-सिसय रािभारा दहिी क प्रनत अपि सापवनिक िानयतवों का निव्षहि करत हुए काया्षलयीि कायशों
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         म दहिी का अनिक स अनिक प्रयोग करग।
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             मैं पपत्रका क साथ प्रतयक् एवं परोक् रूप स िुड सभी क योगिाि की प्रर्ंसा करती हूँ और पपत्रका
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         क उजिवल भपवषय की कामिा करत हुए संपािक मंरल को हादिक र्ुभकामिाए िती हूँ। काया्षलय की
                                                                                   े
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         महतवपूण्ष उपलजबियों म स एक यह पपत्रका ‘आकाक्ा’ अपि आप म सबकी आकाक्ाओं को पूरा करि
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         वाली नसद्ध हो यही मरी कामिा ह।
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                                                                                    े
                                                                                तनदशक
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