Page 9 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
P. 9

आपक े  पत्र

             कायायालय महालेखाकार (आण्याक एव राजसव क्ेत्र
                                         ं
                                                                           े
                                                        हक विारा  नलजखत  लख-  "फटबॉल  पवविकप 1950
                                                                                 ु
                      लेखापरीक्ा) तणमलनाडु,
                                                                           ं
                                                                                                  े
                                                        म भारत", श्रीमती ििा नतवारी विारा नलजखत लख-
                                                          ें
           लेखापरीक्ा भवन, 361, अणिा सालई, तेनामपेट, चेननई
                                                                 े
                                                        "युवाओं क प्रनत" तथा श्री संटु साहा विारा नलजखत
                                                                                          े
                                                        कपवता-  "गुरू  की  भपक्त"  एवं  श्री  िवार्ीर  घोर
                                                                                                  ं
                                                                         ं
             आपक काया्षलय क पत्राक दह.अ./1(17)19/खंर-   विारा नलजखत- "दृष्टात" एवं अनय सभी रििाए भी
                                     ं
                            े
                                 ं
                  े
                                                            े
                                                                    े
                                                                                             ै
                                       ं
         II/2013-14/2015-16/369  दििाक  24.09.2019      पवर्र रूप स सराहिीय एवं प्रर्ंसिीय ह। पपत्रका
                                                                             े
                                                                                       ्ष
                                                                                                     ं
                   ं
         क साथ दहिी पपत्रका "आकाक्ा" की एक प्रनत प्राप्त   की उजिवल भपवषय क नलए हादिक र्ुभकामिाए
                                  ं
          े
                                                                     ँ
                                                                       ैं
                                                                े
         हुई। िनयवाि।                                   और र्ुभचछाए ह।
                                  ं
                                      े
             "आकाक्ा'  रािभारा  दहिी  क  प्रिार-प्रसार  क
                                                     े
                  ं
         साथ-साथ काया्षलय क अनिकाररयों/कम्षिाररयों की                                          भविीय
                            े
                                              े
                                            े
                                                   े
                                                 ें
           ं
                       े
         दहिी मौनलक लखि प्रनतभा को बढावा िि म प्ररक                                    (सुर्ील तोपिों)
                          ै
                                       े
                                                     े
         भूनमका निभा रही ह। दहिी भारा क सृििर्ीलता क                  वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकार/प्रर्ासि
                              ं
                                                                             े
                 े
                                               ै
         उतथाि हतु आपका यह प्रयास सराहिीय ह।
             पपत्रका म समापवष्ट रििाए सरल भारा म ह           कायायालय महाणनदेशक लेखापरीक्ा, रक्ा सेवाए  ं
                                                      ैं
                                                   ें
                     ें
                                     ं
                                                     ैं
         और रोिक, ज्ािवि्षक एवं उचि कोदट की भी ह।                एल-II बलाक, ब्ासे एवेनययू, नई णदलली
                                                 े
                                 ें
              े
         इसस सरकारी कामकाि म रािभारा दहिी क प्रनत
                                            ं
                ें
         लोगों म निजचित ही प्ररणा और उतसाह का संिार
                             े
                                                                 े
                                                            आपक  काया्षलय  विारा  प्रपरत  दहिी  पपत्रका
                                                                                    े
                                                                                           ं
         होगा।  पपत्रका  की  साि-सजिा  और  अनतनि्षदहत
                                                                          ें
                                                                    े
                                                        "आकाक्ा" क सातव अंक की प्रनत प्राप्त हुई। तिथ्ष
                                                              ं
         फोटो आकर्षक एवं मिोरम ह।
                                   ैं
                                                                          े
                                                        िनयावाि। पपत्रका क माधयम स रािभारा दहिी क
                                                                                                    े
                                                                                     े
                                                                                                ं
                          े
                  ं
             "आकाक्ा"  क  उत्तम  संपािि,  गुणवत्ता,  सृििातमक उतथाि हेतु आपके  काया्षलय के  समसत
                                   े
                                                     े
         रििातमकता  एवं  संकलि  हतु  संपािि  मंरल  क  अनिकाररयों एवं कम्षिाररयों विारा दकया गया प्रयास
                                                   ं
         सभी सिसयों को सािुवाि एवं पपत्रका की निरतर  अनत सराहिीय है।
         प्रगनत हतु हमारी हादिक र्ुभकामिाए। ँ
                े
                             ्ष
                                                                                                    ै
                                                                                                ृ
                                                            पपत्रका का मुख पृष्ठ एवं साि-सजिा उतकष्ट ह।
                                                                 ें
                                                                                       ँ
                                                        पपत्रका  म  प्रकानर्त  सभी  रििाए  अनत-प्रासंनगक,
                                                        ज्ािवि्षक एवं सतरीय ह। सुश्री इद्राणी िािा की
                                                                              ैँ
                                                                                       ं
                                              भविीया,
                                                        कहािी "एक फालतू आिमी की कहािी" दिल को
                                           ं
                                         दहिी अनिकारी
                                                                              ं
                                                             े
                                                        छ ु  लि वाली ह, सुश्री ििा नतवारी विारा "भारतीय
                                                              े
                                                                      ै
                                                                                                   े
                                                                       ें
                                                        नयायवयवसथा  म  पवलंब  एवं  समािाि"  पर  लख
                                                                                                     ै
                 महाणनदेशक, वाणिजयक लेखा-परीक्ा         भारतीय  नयायपानलका  का  सतय  बयाि  करता  ह
                                                                                े
            त्ा पदेन सदसय लेखा-परीक्ा बोडया-1, का कायायालय,   एवं सुश्री मौनलसा साहा क िोिों नित्र अद्ुत तथा
                                                                                  ैं
                                                                            े
                  1, काउणनसल हाउस सट्ीट कोलकाता         अनभवयपक्त की दृपष्ट स श्रेष्ठ ह। पपत्रका की उतरोत्तर
                                                               े
                                                        प्रगनत हतु हादिक र्ुभकामिाए। ँ
                                                                      ्ष
             दहिी पपत्रका का मुखय पृष्ठ एवं पृष्ठों की साि-                                   भविीय,
              ं
                  े
         सजिा हमर्ा की तरह अतयनत आकर्षक एवं सुिर                                       (री.री. पत्रपाठी)
                                                    ं
                                                                                    े
                                               ँ
                                                   ृ
         ह। दहिी पपत्रका म समापवष्ट सभी रििाए उतकष्ट,                        वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी
                          ें
              ं
          ैं
         ज्ािप्रि,  मिोरिक  तथा  रूनिकर  ह।  श्री  रपबउल                         रक्ा सेवाएँ, िई दिलली
                                          ैं
                      ं
                                                                                                 9
   4   5   6   7   8   9   10   11   12   13   14