Page 12 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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कायायालय प्रधान णनदेशक वाणिणजयक लेखा परीक्ा
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म सकारातमक प्रयास पररलजक्त होंग। पपत्रका की
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एवम् पदेन सदसय, लेखा परीक्ा बोडया-II, मुबई
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निरतर प्रगनत हतु हमारी हादिक र्ुभकामिाए।
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भारतीय लेखा एवम् लेखा परीक्ा णवभाग
भविीय,
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आपक काया्षलय विारा प्रकानर्त दहिी पपत्रका
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वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी (दहिी)
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"आकाक्ा" क 7 व अंक की प्रनत प्राप्त हुई, तिथ्ष
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िनयवाि। पपत्रका का बाह्य आवरण एवं साि-सजिा
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मिमोहक ह। पपत्रका म सजममनलत सभी रििाए महालेखाकार का कायायालय (लेखा एव हक)
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प्रर्ंसिीय ह तथा लखों स संबंनित छायानित्र आनध्र प्रदेश, हैदराबाद
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अतयंत प्रभावकारी ह। पपत्रका की साि-सजिा का
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सुनिर प्रसतुतीकरण अतयंत सराहिीय ह। प्रकानर्त
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रििाओं म "एक फालतू आिमी की कहािी", आपक काया्षलय की पपत्रका "आकाक्ा" क सातव
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"समृनत तक ही रह", "सावला रग", ‘िनम स पहल अंक (वर्ष 2019) अंक की प्रनत प्राप्त हुई ह जिसक
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मृतयु", "युवाओं क प्रनत", "सैनिकीः िर् क सुरक्ा नलए आपको िनयवाि। पपत्रका म प्रकानर्त सभी
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कवि', ‘गुरू की भपक्त", 'गम ओवर" पवरर् रूप स रििाए प्रभावर्ाली एवं रोिक ह।
प्रर्ंसिीय ह। "दृष्टात" िबानर्स घोर, "एक फालतू आिमी की
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पपत्रका म प्रकानर्त रििाए ज्ािवि्षक एव कहािी" इद्राणी िािा, "भारतीय नयायवयसथा म पवलंब
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रूनिकर ह। प्रकार्ि क उजिवल भपवषय की कामिा एवं समािाि" ििा नतवारी, "सावला रग' पपंकी कमारी,
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क साथ पपत्रका क सफल संपािि एवं प्रकार्ि क "समय का महतव" सोदहिी ि की रििा सराहिीय ह। ै
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नलए संपािक मंरल को हादिक बिाई। पपत्रका क सफल समपािि हतु समपािक मणरल
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को बिाई व पपत्रका की उत्तरोत्तर प्रगनत एवं उजिवल
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भपवषय हतु हादिक र्ुभकामिाए ं
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भविीया, हम पपत्रका क उजिवल भपवषय की आर्ा करत ह। ैं
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वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी/प्रर्ासि
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भविीय,
महालेखाकार (लेखा एव हकदारी) लखानिकारी (प्रर्ासि)
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णवितीय का कायायालय, मधय प्रदेश
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प्रधान णनदेशक वाणिणजयक लेखापरीक्ा एव पदेन सदसय
लेखापरीक्ा बोडया का कायायालय, बैंगलोर
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आपक काया्षलय क पत्र पत्र संखया
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दह.अ./1(17)19/खर-II/2013-14/2015-16/343 आपक काया्षलय की दहिी पपत्रका "आकाक्ा"
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दििाक 23.09.2019 क साथ संलगि दहिी पपत्रका के 7 वें अंक की इस काया्षलय को सहर्ष प्राप्ती हुई
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"आकाक्ा" क 7व अंक की एक प्रनत प्राप्त हुई, है। पपत्रका में सममनलत सामग्री उचि सतर की है।
एतिथ्ष िनयवाि। पवनभनि प्रकार की रििाओं स सिी आपको पपत्रका
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पपत्रका म समापवष्ट सभी लख एवं कपवताए ि दहिी काया्षनवयि की दिर्ा म एक सवजण्षम प्रयास
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कवल उतकष्ट ह अपपतु अतयंत ही सराहिीय ह। ह। प्रकार्ि क सफल प्रयास हतु र्ुभकामिाए।
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पपत्रका क सफल समपािि हतु संपािक बिाई की
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पात्र ह। आर्ा ह दक पपत्रका क माधयम स आपक भविीय,
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काया्षलय म रािभारा दहिी की िर्ा एवं दिर्ा वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी (दहिी)
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