Page 13 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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भारतीय लेखापरीक्ा और लेखा णवभाग
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पपत्रका क सफल प्रकार्ि क नलए सभी रििाकार
कायायालय प्रधान णनदेशक लेखापरीक्ा (क े नद्ीय), अहमदाबाद
एवं संपािक मंरल बिाई क पात्र ह।
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शाखा कायायालय राजस्ान, जनप्, जयपुर
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पपत्रका की निरतर प्रगनत एवं उजिवल भपवषय क
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नलए इस काया्षलय की ओर स हादिक र्ुभकामिाए। ं
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दहिी पपत्रका "आकाक्ा" क सातव अंक की प्रानप्त
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हुई ह, सहर्ष िनयवाि। पपत्रका म प्रकानर्त लख
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उतकष्ठ एवं ज्ािवि्षक ह। श्री िीपक कमार नसंह की भविीय,
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कपवता "भारतीय सुरक्ा बल" एवं श्रीमती सोहिी वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी (प्रर्ासि)
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ि की "समय का महत्व" िामक रििाए सराहिीय
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ह। पपत्रका क आगामी अंकों क नलए इस काया्षलय भारतीय लेखा त्ा लेखापरीक्ा णवभाग
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सुझाव र्नय ह। कायायालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्ा) पजाब
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चणडीगढ़
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पपत्रका क सभी रििाकारों एवं संपािक मंरल
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को पपत्रका क सफल प्रकार्ि क नलए बिाई एवं
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पपत्रका की प्रगनत क नलए र्ुभकामिाए। संिनभ्षत पत्र क साथ आपकी काया्षलयी पपत्रका
"आकाक्ा" की प्रनत प्राप्त हुई। अतीः आभार सवीकार
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करें।
भविीय,
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सिव दक भानत आपकी पपत्रका म संकनलत सभी
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वररष्ठ लखापरीक्ा अनिकारी /रािभारा
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रििाए उतकष्ट एवं उचि सतरीय ह। छाया नित्रों
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का संकलि अनत उत्तम ह। सुश्री इद्राणी िािा िी
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महाणनदेशक लेखापरीक्ा (क ें द्ीय) चेननै का कायायालय की रििा "फालतू आिमी की कहािी", सुश्री पपंकी
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लेखापरीक्ा भवन, 361, अणिा सालै, तेनामपेट, चेननै कमारी िी की रििा "सावला रग", सुश्री आयूरी झा
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िी की रििा "साप और िवला" पपत्रका म पवर्र
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रूप स सराहिीय ह।
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आपक काया्षलय विारा प्रकानर्त रािभारा दहिी
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पपत्रका "आकाक्ा" क सातव अंक की एक प्रनत इस दहिी की साथ्षकता क नलए प्रयासरत आपकी
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काया्षलय म प्राप्त हुई। िनयवाि। पपत्रका "आकाक्ा" क उजिवल भपवषय क नलए
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"सुगंिा" पररवार की ओर स हादिक र्ुभकामिाए। ं
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पपत्रका म प्रकानर्त सभी रििाए पठिीय, उतकष्ट
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एवं रोिक ह। पवर्रकर "दृष्टात", "गम ओवर",
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"भारतीय नयायवयवसथा म पवलंब एवं समािाि"
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अतयंत प्रर्ंसिीय ह। पपत्रका म छप छायानित्रों भविीय,
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स काया्षलय म हो रह पवनभनि गनतपवनियों की दहिी अनिकारी
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िािकारी नमली। पपत्रका का मुखपृष्ठ आकर्षक ह।
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धनयवाद
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