Page 18 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
P. 18
े
मैं कोपवर-19 वैजविक महामारी क कारण हुए इस संकट की घडी में उसे घर तक पहुँिािे के नलए
े
े
लॉकराउि क िौराि प्रवासी मििूरों क त्रासिी की कोई साव्षिनिक पररवहि उपलबि ि होिे के कारण
े
ु
ँ
ं
कछ ऐसी घटिाओं को साझा करि िा रहा हूँ िहा वह दिलली से अपिे गांव पैिल ही निकल पडे थे।
भूखमरी व गरीबी और वायरस की लडाई म प्रवासी नििामुद्ीि पुल तक पहुँििे पर थकावट और भूख
ें
े
ै
े
भारतीय मििूर अपि िीवि स हार रह ह िो के कारण उसमें आगे बढिे की र्पक्त बाकी िहीं रह
े
े
े
ैं
े
े
े
अतयनत िुीःखि और दिल िहला िि वाल ह: गई। व लगातार तीि दििों तक सडक पर पड रह।
े
एक पीटीआई फोटोग्राफर अतुल यािव की ििर
े
गंिम, ओदरर्ा क 36 वरतीय राि-नमस्ती अर्ोक
े
े
े
उिपर पडी और उनहोंि टवीटर क माधयम स इसकी
बहरा को सनट्ल िनिई म भवि-निमा्षण कपिी म
ें
े
े
े
ें
े
ं
े
ें
सूििा िी। बाि म एक ियालु मदहला ि उनह ट्ि
ें
े
े
काम नमला था। वह और उिकी पत्नी िनमता अपि
े
े
का दटकट खरीि कर घर भिि म उिकी मिि
ें
े
ें
िो छोट बचिों को गंिम जिल म घर पर छोडकर
े
े
ँ
की। हालादक, ट्ि स घर िाि क िौराि रासत म
े
े
े
े
ें
े
े
े
ें
िनिई म िौकरी करि को मिबूर थ। इस संकट
ें
उनह अपि बचि की मौत की खबर नमली। उिकी
े
े
ें
े
की घडी म बीतत समय क साथ अर्ोक और उसकी
े
े
्ष
इस िििाक जसथनत स रोत-पबलखत हुए ली गई
े
े
े
पत्नी िनमता अपि बचिों क बार म सोि-सोि
े
ें
े
े
उिकी तसवीर लॉकराउि क िौराि भारत म हिारों
ें
े
े
े
े
कर निंता स बिैि हो रह थ। िनमता क आंसुओ
े
े
्ष
प्रवानसयों की िुिर्ा की ओर सपष्ट संकत करती ह।
ै
े
को िख आजखरकार अर्ोक ि 14 अप्रैल 2020
े
को अपिी पत्नी को साइदकल की पपछली सीट पर 15 साल की जयोनत कमारी और उसक पपता मोहि
ु
े
े
े
ँ
े
बैठाकर साइदकल स अपि गाव, गंिम अपि बचिों पासवाि, एक ई-ररकर्ािालक, लॉकराउि के िौराि
े
े
क पास िाि का फसला दकया। यह उिक नलए एक दिलली के गुरूग्राम में फँ स गए थे। मोहि पासवाि िे
े
ै
े
कदठि और कष्टिायी यात्रा थी। अप्रैल महीि की सोिा था दक लॉकराउि समाप्त होते ही वे अपिे घर
े
े
निलनिलाती िूप म भूख-पयास और गमती स बहाल लौट िाएंगे। लेदकि उिकी मकाि मालदकि िे दकराया
ें
े
पबिा रूक दिि-रात साइदकल िलाकर अर्ोक और मांगिा र्ुरू कर दिया। दकराया िेिे में िेरी होिे के
े
उसकी पत्नी र्ारीररक रूप स पूरी तरह थक िुक कारण उिके मकाि की पबिली भी काट िी गई। उिके
े
े
े
े
थ। उिक पास ि भोिि, पािी था और ि पैस। पास पबिली, भोिि खरीििे और दकराया िुकािे तक
ें
उनह पुनलस विारा राजय की सीमाओं पर िगह-िगह के नलए पैसे िहीं बिे थे। उस समय उिकी दकर्ोरी
े
े
रोका िा रहा था। भारा-अवरोि क कारण व पुनलस बेटी िे िििि खाते से प्राप्त 500 रूपये से एक पुरािा
क विारा दिए गए दिर्ा-नििर्ों को भी िही समझ साईदकल खरीिा और अपिे बीमार पपता को पपछली
ं
दे
े
पा रह थ। अतीः व िुग्षम पहाडी क्त्र क िूसर रासत सीट पर बैठाकर के वल 7 दििों में दिलली से अपिे गांव
े
े
े
े
े
े
े
े
स यात्रा करि क नलए मिबूर थ। दफर भी, अपि िरभंगा तक कु ल 1200 दकलोमीटर की िूरी तय करते
े
े
े
े
े
े
े
े
े
छोट बचिों स नमलि क नलए य सार कष्ट सहिा हुए दहममत और साहस की एक नमसाल कायम की।
े
े
ही उनहोंि मुिानसब समझा। अंततीः बहुत सार कष्टों उसे नयूयॉक्ष टाइमस और बीबीसी िैसे वैजविक मीदरया
े
े
े
और पीडाओं को झलत हुए 1100 दकलोमीटर की विारा काफी सराहिा नमली। अमेररकी राष्ट्पनत की बेटी
े
े
िूरी तय करक व 21 अप्रैल, 2020 को अपि घर इवांका ट्मप िे भी यह कहते हुए उसकी प्रर्ंसा की दक
े
े
ै
े
गंिम पहुंि। यह िैय्ष, िीरि और प्रम का उिाहरण ह। साइजकलंग
े
े
े
ें
ं
ें
एक प्रवासी भवि-निमा्षण कामगार रामपुकार फररर्ि ऑफ इदरया ि उनह साइजकलंग म नि: र्ुलक
ं
ु
े
े
पंदरत को 11 मई को दिलली क नििामुद्ीि पुल पर कौर्ल परीक्ण िि का प्रसताव दिया। आिि कमार
े
े
ें
े
े
े
ें
बहुत खराब हालात म िखा गया था। वह दिलली की सुपर 30 ि उनह मुफत आईआईटी की कोनिंग िि
े
े
स करीब 1200 दकलोमीटर िूर बगूसराय, पबहार म का प्रसताव दिया।
ें
े
े
अपि घर पर अपिी पत्नी स फोि पर अपि 11 11 साल क लडक तबारक ि लॉकराउि क िौराि
े
े
े
े
े
े
े
महीि क बीमार बचि क बार म बात कर रह थ। वाराणसी में फं से अपिी अंिी माँ और एक पैर में
े
े
े
े
े
ें
18