Page 19 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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         फकिर वाल अपि पपता को एक नतपदहया गाडी क  एक भयािक िुघ्षटिा घटी। औरंगाबाि के  बििापुर
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         सहार लगातार िौ दििों तक पैरल मारत हुए 600  और  करमि  सटेर्िों  के   बीि  एक  मालगाडी  िे
                                                                                                    ू
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         दकलोमीटर  की  िूरी  तय  करक  अरररया  पहुँिाया।  लोको-पायलट के  बार-बार हाि्ष बिािे के  बाविि
         14 मई को जटवटर पर एक वीदरयो वायरल हुआ।  सुबह 5:22 बिे ट्ैक पर सो रहे 16 मििूरों को मौत
         उिक पपता िो पपछल 20 वरशों स वाराणसी म एक  के  घाट उतार दिया। पटररयों पर पबखरे उिके  र्रीर
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         संगमरमर की िुकाि म काम करत थ, हाल ही म  के  टुकडे, खूि से लथपथ िूते और उिके  वयपक्तगत
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         घायल हो गए थ। तबारक और उसकी मा अपि  सामाि  का  दृशय  िे  हर  दकसी  की  अंतरातमा  को
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         बीमार पपता की िखभाल क नलए तालाबंिी स ठीक  िहला दिया।
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         पहल  वाराणसी  गए  थ।  लॉकराउि  म  िौकरी  क
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                                                            अहमिाबाि  स  पबहार  क  मुजफ़फरपुर  श्रनमक
                                                                                  े
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         अभाव म उिक पास अपि पररवार का भरण-पोरण
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                                                        सपर्ल  ट्ि  म  यात्रा  क  िौराि  मुजफ़फरपुर  रलव
                                                                     ें
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         करि का कोई सािि िही था। व असहाय थ। घर
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                                                        सटर्ि पर 35 वरतीय प्रवासी मदहला की भीरण गमती
                                                      ें
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         पर उिकी िो बदटया थी। इस पवरम पररजसथनत म
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                                                                                               े
                                                        और भूख क कारण मौत और उसक र्व स िािर
                                                                                        े
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         छोट तबारक को सडक पर अनय लोगों को िखकर
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                                                        खीिकर उस िगाि की कोनर्र् कर रह उसक रढ
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         प्रोतसाहि  नमला  और  वह  अपि  मा-बाप  क  नलए
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                                                                    े
                                                        साल क बचि का तजी स वायरल वीदरओ जकलप
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                                    ु
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         पौराजणक कथाओं क श्रवण कमार की तरह अपि
                                                                                        ं
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                                                        प्रवासी मििूरों की िुिर्ा साफ बया कर रहा था।
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         कम्ष-पथ पर घर िाि क नलए निकल पडा।
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                                                        यह भारत म प्रवासी मििूरों की त्रासिी की सबस
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                                       े
             तालाबंिी क िौराि महाराष्ट् क िालिा म एक  मानम्षक तसवीर थी जिससे हर दकसी के  आँखों में
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         इसपात कपिी म काम करि वाल 20 प्रवासी मििूर  आँसू छलक आए।
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         7 मई को अपि गृह-राजय मधयप्रिर् पहुंिि क            वैजविक  महामारी  कोपवर-19  क  पररणामसवरूप
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         नलए पैिल ही निकल पड। उनहोंि पहल रािमागशों      हुए लॉकराउि क िौराि ऐसी बहुत सारी घटिाए
                                                                                                     ं
                                                                       े
         पर िलिा र्ुरू दकया और बििापुर तक िल। यह        घटी जिसि मािवता को झकझोर दिया। हर कोई
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                                                                  े
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         सोिकर दक उनह पुनलस विारा सडक पर रोका िा        इसस  प्रतयक्  या  अप्रतयक्  रूप  स  प्रभापवत  हुआ
                                                             े
                                                                                       े
         सकता  ह,  उनहोंि  पटररयों  पर  िलि  का  फसला   लदकि इसकी सबस जयािा मार प्रवासी मििूरों को
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         दकया। व मधयप्रिर् क नलए एक पवर्र श्रनमक ट्ि    ही पडी जिनह कोरोिा वाइरस स तो कम लदकि
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         पकडि हतु भुसावल पहुंििा िाहत थ। लगभग 36        भूख और गरीबी की लडाई स अनिक, अपिी एवं
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         दकलोमीटर की िूरी तय करि क बाि व थक गए          अपिों की िाि गवािी पडी।
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         और पटररयों पर ही सो गए। 8 मई को सुबह-सुबह
                           हहंदी िाषट्र की असभव्यज्् का सिल्म सत्ो् ह
                                                                  ै
                                                                     - सुसमत्ानंदन पं्
                                                                                                 19
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