Page 21 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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को िोर िोर क दहलाक भी कोई फायिा िही हुआ।
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ऊपर स पाइप को दहलाि स नसंक और पाइप क
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िोड म स पािी बहि लगा; पूर रसोई-घर का फर््ष
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पािी स गिा हो गया। मुखिती बाबू मज स टीवी
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िख रह थ। पत्नी की पुकार स उिको भी मैिाि म
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उतरिा पडा, मगर हालात म कोई सुिार िही हुआ।
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तब पलंबर िीपक को कॉल करिा पडा। िीपक इस
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फलैट म पजलबग का काम करता ह। मगर उसि भी
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मोबाइल उठाकर बोल दिया दक वह आि िही आ
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सकता कयोंदक बरसात का पािी िाल स उभर-कर
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बसती म बह रहा ह और आि सब बसती वाल
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नमलकर िगरपानलका क सामि िरि पर बैठ ह।
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मुखिती बाबू मोबाइल म िैस रो पड और िीपक
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को आि कछ भी करक आि क नलए मिा नलया।
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िो घंट क बाि िीपक आया। दकिि की हालत तब
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िखि लायक थी- आिा पका मटि कढाई म पडा
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हुआ था, दकिि का फर््ष पािी स भरा हुआ और
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पलाजसटक पनिी लिा बंि कर िग तो पलाजसटक
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इिर-उिर बत्षि पबखर पड थ तथा मुखिती बाबू
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पनिी का उतपािि भी बंि हो िाएगा। इस पर बाकी
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एवं उिकी पत्नी िोिों सोफ पर िीपक क इतजार
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सब नमलकर उसक ऊपर अि्षव गोसवामी की तरह
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म भूख-पयास बैठ हुए थ। िीपक ि कहा- माफ
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इस प्रकार टूट पड दक बिारा अपिा थैला लकर मुँह
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नछपाकर भाग गया।
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मुखिती बाबू ि अपि फलैट म आकर सामाि
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पत्नी सवा्षिी को दिया। सवा्षिी ि दफि म सजबिया
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रखी और कामवाली कमला को मटि और मछली
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िोि क नलए कहा। कमला ि पलाजसटक की पनिी
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को फाडकर मटि और मछली निकाली और िोि
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लगी। दकिि नसंक (रसोई घर म बत्षि आदि िोि
क नलए पािी का िल) की छनिी उठाकर िैस
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ही कमला ि पािी छोडा तो अिािक फटी हुई
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पलाजसटक की पनिी नसंक की िाली म घुस गई।
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कमला अपिा काम करक निकल गई। खािा बिात
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समय सवा्षिी को िजर आया दक नसंक म पािी
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की निकासी िही हो रही ह और िीर-िीर नसंक
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पािी स भर गई। िूदक खािा बिात समय नसंक
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का इसतमाल अनिवाय्ष होता ह इसनलए बार बार
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हाथ िोि और छोट-मोट िूठ बत्षि िोि क नलए
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कदठिाई उतपनि हो गई। सवा्षिी ि अपिी ओर स
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पूरी कोनर्र् करक िख ली लदकि कछ िही हुआ।
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निकासी पाइप क अंिर लमबा तार घुसा क पाइप
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