Page 23 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
P. 23
अपने
मसल जाना
पतनवी- शवी असभजवी् जाना, व.ल.प.अ.
े
आि रोपबिबाबू क नलए बहुत ही खुर्ी का दिि पर र्ोि र्ुरू कर दिया गया और दिि-रात सभी
े
े
था। िरअसल, उिकी बटी ररया को एमबीबीएस वैज्ानिक इसी र्ोि में लग गए। िुनिया को बिािे
े
पास करि क बाि आईसीएमआर म एक वैज्ानिक के नलए पवनभनि िेर्ों के वैज्ानिक एवं रॉकटर इस
ें
े
क पि पर नियुपक्त-पत्र प्राप्त हुआ था। छोटी सी वायरस से बिाव हेतु वैजकसि तैयार करिे के र्ोि
े
उम्र म ही इस बचिी ि अपिी मा को खो दिया में िुट गए।
े
ें
ँ
े
े
े
था और नर्क्क रोपबिबाबू ि बड ही कष्ट सहत
े
े
ें
ररया अब सप्ताह म कवल एक दिि ही अपि
हुए बहुत पयार स उसका लालि-पालि दकया था।
े
े
घर आ पाती थी। उसक सामि एक बहुत बडी
े
े
े
े
ं
े
े
उसि अपि िनमसथाि मदििीपुर क पाकसुरा क
िुिौती खडी थी। उसक नलए खाि और सोि तक
े
े
े
े
े
कॉलि स ही नर्क्ा प्राप्त की थी। ररया की खुर्ी
े
ँ
क समय का अभाव था। इसी तरह पाि महीि बीत
े
का कोई दठकािा िही था। वह अब अपि सपिों
े
ं
ें
े
गए। आि अप्रैल महीि म ररया एक दकराए की
को पूरा कर पाएगी। उस एक ऐसी िौकरी नमली ह
े
ै
े
े
गाडी स अपि गाव लौट रही थी। गाव पहुँित ही
े
ँ
ँ
ु
े
जिसक सहार वह लोगों क नलए कछ अचछा कर
े
े
े
ँ
गाव की नमटटी की सौंिी खुर्बू ि उसका मि मोह
पाएगी। र्ोि कर लोगों की गंभीर पबमाररयों का
ै
नलया। ‘सीता िीिी कसी हो?’, ‘अर! सिाति भैया
े
े
इलाि ढूँढ सकगी।
ैं
सब ठीक ह ि।’ ‘कया हुआ, सभी िुपिाप ह?’ कोई
ै
े
े
े
े
िखत ही िखत ररया की िौकरी का एक वर्ष भी आि ररया से बात िहीं कर रहा था। सभी उससे
े
े
े
पूरा हो गया। सुबह-सुबह घर स बलघाटा आईरी मुँह फे र रहे थे। ररया अपिे घर पहुँिी। सिाि करिे
े
े
े
असपताल क नलए रवािा होिा और रात क 9 बि के बाि िोपहर का खािा खाकर वह अपिे पपता के
े
ू
े
े
े
क बाि वापस घर आिा, कष्ट होि क बाविि उसि पास िाकर बैठ गई। पूरे सप्ताह का िमा हुआ काम
े
े
ँ
इस सवीकार कर नलया था। उसक पपता, गाव की ख़तम होिे का िाम ही िहीं ले रहा था।
े
िरती और वहा क पयार लोगों को छोड कर ररया र्ाम का समय था। ररया अपि पपता क साथ
ँ
े
े
े
क साथ र्हर म अकल रहिा पसंि िही करत थ। बैठकर िाय पी रही थी। ‘अर! कया हुआ? गोपवि
ें
े
े
ं
े
े
े
े
ं
े
उसक पपता और सवयं ररया क नलए गाव क रासत, िठू, कर्व िा, ििि िा, कािल, पीसी सभी िल
े
े
ँ
े
े
े
ं
े
वहा क तालाब, छोट-छोट बचि-बजचिया पबलकल क साथ इिर ही आ रह ह।’ सभी क िहर स रोर
े
े
ु
ँ
े
ँ
ैं
े
े
े
े
े
े
ँ
अपि िैस थ। गाव क सभी लोग ररया की इस झलक रहा था। अिािक गोपवि िठू ि गुसस स
े
े
े
े
े
े
े
ं
े
े
उपलजबि पर काफी गव्ष करत थ। इसी तरह ररया कहा- "िखो रपबि, हमलोग गाव म इस तरह क
े
े
ें
ँ
े
का समय कट रहा था। असभय काम का समथ्षि िही करग, सुिा ह तुमहारी
ै
ं
ें
े
एक दिि अिािक काया्षलय क नििर्क महोिय बेटी इस िघनय छ ु आछ ु त वाले रोग पर र्ोि कर
े
े
ें
े
ि िवंबर 2019 म ततकाल एक बैठक बुलाई। रही है, वह गाँव में इसे फै ला िेगी तो इसका िानयतव
बहुत ही निंता का पवरय था कयोंदक पृ्थवी पर एक कौि लेगा? हम लोग अपिे पररवार के साथ गाँव
भयािक वायरस कोपवर-19 का आगमि हो िुका में र्ांनत से रहिा िाहते हैं।" बहुत समझािे के बाि
ें
े
े
था। यह वायरस दकसी भी समय हमार िर् म भी कोई लाभ िहीं हुआ। यह सुिते ही ररया के नलए
े
िसतक ि सकता था। इसी कारण उसी समय स इस अपिा ही पप्रय गाँव एक अििबी की तरह लगिे
े
23