Page 25 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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                                       े
                                             े
                 ें
                    ँ
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         ितृतव म गाव क ही छीः सवयं सवकों ि दिि-रात  प्रनतर्त पविय प्राप्त की िा सकती है। ररया काफी
                                                                                          ँ
         एक कर इस काम म अपिा योगिाि ििा                        खुर्  थी  दक  उसि  अपि  गाव  क  लोगों
                            ें
                                                                                              े
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                                                                                 े
                                                                                       े
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                                                                       े
                                                                                ु
         र्ुरू  कर  दिया।  ररया  ि  सव्षप्रथम                         क  नलए  कछ  अचछा  दकया।  अब
                                    े
                                                                                        े
                            े
                                 े
         सभी को इस रोग स लडि क                                            कोलकाता लौटि की बारी थी।
                         ें
                 े
                      े
         नियमों क बार म प्रनर्जक्त                                          आि ररया ि ही अपि पपता
                                                                                                े
                                                                                                ँ
         दकया  और  उि  सभी  का                                                और  ि  ही  उस  गाव  की
         हौसला बढाया।                                                           बटी थी बजलक वह आि
                                                                                 े
                                                                                 रॉकटर ररया थी जिसि
                                                                                                     े
             आि  14  दिि
                                                                                                  े
                                                                                 ििकलयाण क उद्शय
                                                                                              े
         बीत  िुक  थ।  ररया
                      े
                 े
                                                                                   े
                                                                                                  े
                                                                                  स ही रॉकटर बिि का
         विारा इलाि दकए गए
                                                                                  फसला दकया था। यही
                                                                                   ै
         10 कोरोिा रोगी अब
                                                                                       े
                                                                                                     ू
                                                                                  सोित  हुए  रोपबिबाब
              ु
         पबलकल ही सवसथ हो
                                                                                            ें
                                                                                 की आँखों म आँसू आ
            े
                            े
               े
         िुक थ। आि गाव क
                         ँ
                                                                                            े
                                                                                गए। पपता क इस गव्ष
         सभी  लोगों  ि  समझ
                       े
                                                                               स  भर  ियिों  म  आँसू
                                                                                 े
                                                                                               ें
                                                                                     े
         नलया  था  दक  इस  रोग
                                                                              िखकर ररया की आँख भी
                                                                               े
                                                                                                 ें
                  े
         को भय स अथवा भाग कर
                                                                           भर  आई।  ररया  अब  पुिीः
            ं
         िही बजलक दहममत, साविािी
                                                                                                    े
                                                                                                  े
                                                                        अपि  र्ोि  को  िारी  रखि  क
                                                                             े
         और  समझिारी  स  हराया  िा
                           े
                                                                                                 ँ
                                                                    नलए कोलकाता लौट रही थी, िहा एक
         सकता ह। एक साथ उपिार-नियमों का
                 ै
                                                            बडी ििौती उसकी प्रतीक्ा कर रही थी।
                                                                 ु
         पालि  करत  हुए  िलि  स  इस  वायरस  पर  र्त-
                    े
                                 े
                              े
                          मिा आग्रहपूव्षक क्थन ह कक अपनवी सािी मानससक शज्् हहनदी भाषा
                           े
                                              ै
                                                                 े
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                                                                                े
                          क अध्य्यन में लगावें. हम ्यही समझे कक हमाि प्र्थम िममों में स एक
                          िम्ष ्यह भवी ह। ै
                                                                         –ववनोबा भाव े
                                                                                                 25
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