Page 29 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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         ह। उनित नर्क्ा क माधयम स िो िकारातमक  सीनमत  है।  हानिकारक  अंिपवविासी  प्रथाओं  को
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         अंिपवविास  ह  उसको  बड  सतर  पर  नमटाया  िा  राष्ट्ीय सतर पर बडे सामाजिक आंिोलिों और बडे
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         सकता ह जिसकी र्ुरूआत बिपि और पवद्याथती-        प्रयासों  विारा  नमटाि  की  आवशयकता  ह।  उिाहरण
                                                                                           ै
                                                                          े
         िीवि स ही होिी िादहए कयोंदक वैज्ानिक सोि  के  नलए, ‘सती’ िैसी प्रथाओं को समझािे-बुझािे’
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         क  बीि  बोि,  तक  पवकनसत  करि  और  अनय  से  िहीं  नमटाया  गया  था  अपपतु  समाि  सुिारकों
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         झूठी  मानयताओं  स  िूर  िाि  क  नलए  बिपि  और अंततीः सखत कािि लागू कर उस पर लगाम
                                                     ै
         और  पवद्याथती-िीवि  ही  उपयुक्त  समय  होता  ह।  लगाई गई थी।
         बुिुग्ष ही युवाओं को अंिपवविास स मुक्त करि म
                                                   े
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                                                            अंत  म,  नर्क्ापविों  और  सरकारों  को  यह
                                                                   ें
         महतवपूण्ष भूनमका निभा सकत ह। व ही उि पर
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                                       ैं
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                                                        सुनिजचित करिा िादहए दक वैज्ानिक सवभाव और
                                              ें
         बतुक  पवविास  करि  की  निरथ्षकता  उनह  समझा
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                                                        तकसंगत सोि पवकनसत करि क नलए लोगों को
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         सकत ह।
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                                                        उपयुक्त रूप स नर्जक्त दकया िाए। इस संबंि म
             िबदक  ‘समझािा-बुझािा’  (persuasion)  एक  मीदरया की अहम भूनमका है कयोंदक इस तकिीकी
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         उतकष्ट  कला  ह,  लदकि  इसक  िायर  और  पहुंि  युग में मीदरया की पहुंि असीनमत है।
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                          हहंदी एक जानदाि भाषा ह। वह जज्ना बढ़गवी, दश का उ्ना ही नाम
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                          होगा|
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                                                                - पं. जवाहि लाल नहरू










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