Page 32 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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 ्ॉ्साइड ्ीक:- टॉकसाइर क टीक र्रीर म  16-24 माह के  बीि दिया िाता है। िूसरा बूसटर
                           े
                                        े
                                                      ें
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                                        े
               टॉजकसनस (जहर) पैिा करि वाल बैकटीररया  रोज 5-6 वर्ष के  बीि एवं तीसरा बूसटर रोज 10 से
                                                 ैं
               स  होि  वाली  बीमाररयों  को  रोकत  ह।  इि  12 वर्ष के  बीि दिया िाता है।
                े
                     े
                                              े
                                               ें
                                 े
               टीकों को तैयार करि की प्रदक्रया म पवराक्त
                                                                           ें
                                                                       े
                                                            अब हम संक्प म समझत ह दक िब कोई िया
                                                                                  े
                                                                                    ै
               पिाथ्ष को कमिोर कर दिया िाता ह तादक
                                                ै
                                                                                      े
                                                        अंिाि वायरस या बैकटीररया हमार र्रीर को बीमार
                                            े
                े
               व बीमारी का कारण ि बि सक। कमिोर
                                                             े
                                                                 ै
                                                        कर िता ह तब वैज्ानिक उस वायरस या बैकटीररया
                                                ै
                                              े
               पवराक्त पिाथ्ष को 'टॉकसाइर’ कहत ह। िब
                                                        क  पवरूद्ध  दकि-दकि  िरणों  स  होकर  टीक  का
                                                                                     े
                                                                                                े
                                                         े
               इमयूि नससटम को टॉकसाइर टीका प्राप्त होता
                                                                                े
                                                                         ैं
                                                                                      े
                                                                      े
                                                        आपवषकार  करत  ह।  सबस  पहल  उस  वायरस  या
               ह, तो वह उस पवर या टॉकसाइर स लडिा
                                                े
                ै
                                                        बैकटीररया पर र्ोि दकया िाता ह और उस िष्ट
                                                                                                 े
                                                                                        ै
               सीखती ह। री.पी.टी. टीका टॉकसाइर टीक का
                                                  े
                       ै
                                                            े
                                                                        े
                                                                                       े
                                                        करि या मारि हतु संभापवत टीक की तलार् की
                                                                      े
               अचछा उिाहरण ह,  जिसम दरपथीररया और
                              ै
                                       ें
                                                               ै
                                                        िाती ह। दफर िािवरों पर संभापवत टीक का प्री-
                                                                                             े
                                 े
                                    ैं
                े
               टटिस टॉकसाइर होत ह।
                                                                                                     े
                                                        कलीनिकल ट्ायल दकया िाता ह। यह सफल होि
                                                                                     ै
            सब्यूतन्  ्ीक:-  इि  टीकों  को  बिाि  की  के  बाि अगला सबसे महतवपूण्ष िरण कलीनिकल
                                                  े
                           े
                                                                 ु
               प्रदक्रया  म  पूर  रोगाणु  क  बिाय  वायरस  ट्ायल मिषयों पर दकया िाता है। कलीनिकल ट्ायल
                        ें
                            े
                                      े
               या  बैकटीररया  क  कछ  दहससों  को  र्ानमल  के   तीि  मुखय  िरण  होते  हैं  -  पहले  िरण  में
                                 ु
                              े
               दकया िाता ह। कयोंदक इि टीकों म पूण्ष  संभापवत  टीके   का  परीक्ण  30  से  कम  वयपक्तयों
                            ै
                                                 ें
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                                          ं
               कीटाणु  बिाि  वाल  अणु  िही  होत,  कवल  पर दकया िाता है, दवितीय िरण में परीक्ण 30 से
                                               े
                                                   े
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                          ं
                                       ैं
               आवशयक  एटीिि  होत  ह,  साइर  इफकट  100 वयपक्तयों पर दकया िाता है और अंनतम िरण
               बहुत  कम  होत  ह।  री.पी.टी.  टीका  का  में  1000  से  10000  वयपक्तयों  पर  दकया  िाता
                                ैं
                             े
                               ं
               पटु्षनसस (काली खासी) घटक एक सबयूनिट  है। कलीनिकल ट्ायल सफल होिे पर उसे संबंनित
                                                                                     े
               टीक का उिाहरण ह।                         नियामक प्रानिकरण को मंिूरी क नलए भिा िाता
                                ै
                  े
                                                                                             े
                                                         ै
                                                                        े
                                                                                                े
                                                                                              े
             कछ टीकों क नलए, कछ दििों बाि, र्रीर म      ह। प्रानिकरणों स आवशयक मंिूरी नमलि क बाि
              ु
                                                      ें
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                                                           े
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                                                     ै
         प्रनतरोिक  क्मता  िीर-िीर  खतम  होि  लगती  ह।   टीक का उतपािि पवर्ाल सतर पर दकया िाता ह।
                                            े
                                                                         े
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                                                                                        े
         उस समय, प्रनतरोिक क्मता को वापस लाि दक         टीक क उतपािि क बाि पवनभनि िर्ों की सरकार
                                                  े
                                                                               े
                                                                                         े
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                                                     ै
         नलए "बूसटर" रोज िि की आवशयकता होती ह।          गुणवत्ता  नियंत्रक  िलों  क  विारा  टीक  की  गुणवत्ता
                             े
                                                                         ै
                                                                               े
         यह "बूसटर" खुराक या रोज आमतौर पर टीक की        को परखती रहती ह। उसक बाि ही वह टीका मािव
                                                  े
                                                               ें
                                                                                                    े
                                                                                   े
                   ं
                          े
                                                     ै
         प्रारनभक  श्रृखला  क  कई  साल  बाि  िी  िाती  ह।   र्रीर म संबंनित कीटाणुओं क पवरूद्ध प्रनतरक्ा क
            ं
                                                                         ै
                                                      े
         बचिों म री.पी.टी. का पहला बूसटर रोज िनम स      नलए दिया िाता ह।
                 ें
                                         े
                           प्रान्वी्य ईष्या्ष–दवष को दूि किन में जज्नवी सहा्य्ा इस हहंदी प्रिाि स
                                                                                   े
                                                     े
                           समलगवी, उ्नवी दूसिी ककसवी िवीज़ स नहीं समल सक्वी।
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                               े
                                                                      - सुभाषिंद्र बोस
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