Page 30 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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टीका
सुिोजवी् क ु माि दत्ा,
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सहा्यक लखापिीक्ा अधिकािी
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टीका (वैकसीि) को समझि स पहल हम हैं, िो संक्रमण में लडिे के नलए ऊत्तकों और अंगों
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इमयूनिटी (प्रनतरोिक क्मता) को समझिा होगा। के साथ-साथ सफे ि या प्रनतरक्ा कोनर्काओं तक
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सरल भारा म कह तो इमयूनिटी पृ्थवी पर मािव ऑकसीिि ले िाती हैं। इि सफे ि कोनर्काओं में
र्रीर को िीपवत रहि का लाईसनस ह। पृ्थवी मुखय रूप से मैक्रोफे ि, बी-नलमफोसाइटस और टी-
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पर िब िीवि आरभ हुआ था तब एक कोर्कीय नलमफोसाइटस कोनर्काएँ र्ानमल होते है। मैक्रोफे ि
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िीवों, वायरस, बैकटीररया इतयादि का राि था। वैसे सफे ि रक्त कोनर्काएँ होती हैं। ये उि रोगाणुओं,
लाखों-करोडों वरशों बाि मािविानत इि वायरस कीटाणुओं के साथ-साथ मृत एवं मरणासनि
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और बैकटीररया क बीि रहि आया। अतीः मािव कोनर्काओं को निगलती हैं और पिाते हुए िष्ट कर
िीवि का वायरस, बैकटीररया आदि स संघर्ष होिा िेती हैं जिसमें बैकटीररया, वायरस आदि र्ानमल होते
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सवाभापवक था। िूदक हम पृ्थवी पर बाि म आए थ, हैं। मैक्रोफे ि आक्रमणकारी कीटाणुओं के कु छ दहससों
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हम इि वायरस, बैकटीररया क बीि रहिा सीखिा को पीछे छोड िेता है जिनहें "एंटीिि" कहते हैं।
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पडा। अंततीः मािव र्रीर ि अपि आप को बिाि र्रीर इि एंटीिि को खतरिाक समझता है और उि
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क नलए एक इमयूनिटी नससटम पवकनसत की िो पर हमला करिे के नलए एंटीबॉरी को तैयार करता
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जितिा अनिक ताकतवर होगा उतिा जयािा मािव है। बी-नलमफोसाइटस प्रनतरोिक सफे ि रक्त कोनर्काएं
र्रीर की रक्ा इि वायरस और बैकटीररयास हो होती हैं। इसका मुखय काय्ष "एंटीबॉरी" का उतपािि
पाएगी। मािव र्रीर म कमिोर इमयूनिटी नससटम करिा है और ये एंटीबॉरी मैक्रोफे ि विारा छोडे गये
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(प्रनतरक्ा तंत्र) इि कीटाणुओं, खतरिाक एक एंटीिि पर हमला करती है। टी-नलमफोसाइटस भी
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कोर्कीय िीवों आदि स रक्ा िही कर सकती थी। एक अनय प्रकार की प्रनतरोिक सफे ि रक्त कोनर्काएं
इमयूनिटी (प्रनतरोिक क्मता) जितिी मिबूत होगी होती हैं। वे र्रीर में उि कोनर्काओं पर हमला करते
मािव िीवि का काय्षकाल उतिा ही लंबा होगा। हैं िो पहले ही संक्रनमत हो िुकी हैं।
अतीः इमयूनिटी इि वायरसों और बैकटीररया क
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बीि िीपवत रहि का एक प्रकार का लाइसनस ह।
िब इस लाइसनस की वैिता समाप्त हो िाती ह
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तब मािव र्रीर उिक पवरूद्ध लड िही पाता और
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अंततीः मृतयु हो िाती ह।
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अब हम टीकों क बार म पवसतार स समझि
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का प्रयास करत ह। िब कोई िीवाणु या पवराणु
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हमार र्रीर पर आक्रमण कर हम संक्रनमत करत ह
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जिसस हम बीमार होि लगत ह, तब हमार र्रीर की
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इमयूनिटी नससटम उस रोगाणु (िीवाणु या पवराणु)
को मारि क नलए कई प्रनतरोिी कोनर्काओं का
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उपयोग करती ह। रक्त म लाल रक्त कोनर्काए होती
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