Page 24 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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         लगा। ररया को यह अहसास हुआ दक इति दििों स  की र्ुरूआत उसी गाँव से ही की है और मैं अपिे
                                                  े
                                 े
                                                      े
         गाव क लोगों को पहिािि म गलती हुई। रोत-रोत  लोगों को अपिी िाि िेकर बिाऊँ गी। झटपट तैयार
               े
           ँ
                                   ें
                                                                          ँ
                                                                       े
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                                                                                                    े
         रात म ररया कोलकाता लौट आई।                     होकर ररया अपि गाव की तरफ निकल पडी। उसक
                                                                                                े
                                                                         ँ
                                                                  े
                                                        गाव पहुँिि पर गाववासी उसक साहस को िखकर
                                                          ँ
                                                                                    े
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                                      े
             िखत  ही  िखत  तीि  महीि  बीत  गए।  ररया
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                           े
                 े
                                                        आचिय्षिदकत हुए और फल-मालाओं क साथ उसका
                                                                                         े
                                                                             ू
         का  अनिकार्  समय  लैब  म  ही  कटता  था।  र्ोि
                                  ें
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                                                        सवागत दकया।
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         बड ही िोरों पर िल रहा था। िर रात िब ररया
                                       े
                                             े
                                                                              े
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                                                                                  ँ
                                                                      े
                                                                                      े
                े
         अपि गसट हाऊस पहुँिी तब उस अपि पपता की              सबस पहल ररया ि गाव क सभी लोगों को
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                                                                े
         याि सताि लगी। दकति दिि बीत गए पपतािी स  सोर्ल दरसटेंनसंग का पालि करते हुए एक सथाि पर
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                                                      े
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                                            े
         मुलाकात तक िही हुई थी। अब तो उस अपि गाव  एकपत्रत कर इस वायरस के  लक्ण, बिाव के  घरेलु
                                                                                 ें
                  ें
                        े
         क बार म सोिि भर स िुीःख होता था।               उपाय एवं संक्रमण रोकि म सबकी सहभानगता स
                                                                                                     े
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                                                                               े
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                                                                                           े
                                                                                              े
                                      े
                                             ें
                              े
             पपछली रात िो बि तक उस लैब म ही रहिा        अवगत करात हुए कहा- ‘सभी धयाि स मरी बातों
                                                                                      ें
                                                                                                     े
         पडा  था।  अगली  सुबह                                                   को सुि। इस समय मुझ
         आठ बि िाशत क बाि                                                       एक  खाली  घर  िादहए
                         े
                       े
                 े
                                                                                   ं
         दफर  ऑदफस  क  नलए                                                      िहा  मैं  सभी  कोरोिा
                        े
         भी  रवािा  होिा  था।                                                   पीदडत  रोनगयों  को  रख
                                                                                         े
                                                                                   ू
                                                                                   ँ
                                                                                                     े
                              े
         तभी  अिािक  ररया  क                                                    सक। इसक अलावा मुझ
                                                                                                    े
                                                                                            ें
         मोबाईल की घंटी बिती                                                    इस  काम  म  मिि  क
                                                                                               े
         ह। कॉल उठाि पर गोपवि                                                   नलए छीः सवयं सवक भी
          ै
                             ं
                     े
                                                                                               े
                                                                                                  े
           े
         िठू  की  आवाि  सुिाई                                                   िादहए’।  ररया  ि  िखा
                                                                                                   ं
                                                                                      ँ
                                                                                           े
         िती ह- ‘ररया मा! हम                                                    दक  गाव  क  अनिकार्
          े
                         ँ
               ै
                              ें
                                                                                                     े
         तुम बिा लो। कया हुआ                                                    युवक-युवनतयों      ि
                                                                                         े
                 े
                         े
         िठू? मर िोिों बट और                                                    सहयोग  क  नलए  हाथ
                े
           े
                          े
         पोती कोरोिा वायरस स                                                    बढाया।
                              े
         पीदडत ह। इसक अलावा                                                        ररया ि पूछा-  ‘तुम
                       े
                                                                                          े
                 ैं
           ँ
               े
         गाव क और सात वयपक्त                                                    लोगों  को  भय  तो  िही
                                                                                                     ं
                                                                                         ै
         भी कोरोिा स पीदडत ह।                                                   लग रहा ह ि?’
                             ैं
                     े
                े
         जिला  क  असपाताल  म
                              ें
                                                                                   ‘िही िीिी! हमलोग
                                                                                       ं
         भी अब कोरोिा रोनगयों
                                                                                आपक साथ रहकर एक
                                                                                     े
                      ै
                          ँ
         की भतती बंि ह। गाव का
                                                                                साथ इस कोरोिा वायरस
         रॉकटर  सतीर्  भी  गाव
                             ँ
                                                                                 े
                                                                                स  लडग’-  सबि  एक
                                                                                      ें
                                                                                                े
                                                                                        े
                             ै
         छोडकर  िला  गया  ह।
                                                चित्रकार - सोचिनी द, े          सवर म उत्तर दिया।
                                                                                      ें
                                                         े
         हम लोग आि पबलकल                   पुत्री - श्ी दबाशीष द, व. ल. प. अ.
                            ु
                                                              े
                                                   े
                                                                                     ँ
                                                                                         े
                             ैं
         ही  असहाय  हो  गए  ह।                                                     गाव  क  सभी  लोगों
                                                        ि गाव क ही एक प्राथनमक पवद्यालय को निदकतसा-
                                                                े
                                                             ँ
                                                          े
                   े
                                       े
                                         े
                               ँ
         हमलोगों ि ही तुमह गाव छोडि क नलए मिबूर
                           ें
                                                                  े
                                                                                            ँ
                                                        कद्र  बिाि  का  फसला  दकया।  सभी  गाववासी  ि
                                                                        ै
                                                                                                     े
                                                         ें
                                                ँ
         दकया  था।  हमलोगों  को  माफ  कर  िो  मा!  तुम
                                                            े
                                                        इसक  नलए  निीःसंकोि  िाि  भी  दिया।  इसी  िाि
         गाव  क  लोगों  को  बिा  लो’।  यह  सुित  ही  ररया
                                             े
           ँ
               े
                                                              े
                                                                 े
                                                        क पैस स आवशयक सामाि और औरनिया खरीिी
                                                         े
                                                                                              ं
         अिािक घबरा कर खडी हो गई। कछ समय सोिि
                                                      े
                                        ु
                                                                                                 ँ
                                                                                         े
                                                                                      े
                                                                                                    े
                                                        गई। इस वैजविक महामारी स लडि क नलए गाव क
                                                                                 े
                     े
         क बाि उसि निण्षय नलया दक आि उस गाव को
                                                 ँ
          े
                                                                                                    े
                                                        सभी लोगों ि अपिा हाथ आग बढा दिया। ररया क
                                                                    े
                                                                                   े
                      ै
                           े
                                               े
           े
                                   े
         मरी  िरूरत  ह,  मैंि  फर््ष  स  अर््ष  तक  क  सफर
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