Page 16 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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         बोर और अनय गैर-बायोदरग्ररबल सामग्री को सूती  पाए िािे वाले समुद्री पलाजसटक सामनग्रयों में सबसे
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         कपड और बायोदरग्ररबल सामनग्रयों िैस दक कागि  जयािा पलाजसटक के  नतिके  हैं और वे आमतौर पर
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         स प्रनतसथापपत दकया गया था। इसक अलावा, कई  ररसाइदकल  िहीं  होते  हैं।  एक  ग्राहक  के   रूप  में,
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                                                      े
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         क्त्रों और मतिाि कद्रों पर पलाजसटक ट् क बिल  हम रेसतरां, कै फे  और भोििालयों में पलाजसटक के
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         िूट क ट् वयवहार म लाए िा रह थ।                 िडलल स हो रह उपयोग क पवरूद्ध अपिी आवाज
                                                                                    ैं
                                                        उठा कर उस मिा कर सकत ह और उसकी िगह
                                                                                  े
                                                                   े
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             समुद्री कड सबस तिी स बढत पया्षवरणीय निंता
                                                                               े
                                                                           े
                                                        कागि या लकडी स बि कप, पलट, कॉफी/िाय
                                                                                        े
                                                    े
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         का पवरय ह और िब भारत की बात आती ह, तो िर्
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                                                                                                े
                                                                     े
                                                        दहलाि/नमलाि वाल नतिक आदि क प्रयोग क नलए
                                                              े
                                                                                       े
                                                                          े
         सालािा 600,000 टि पलाजसटक किर को महासागरों
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                                                                                     े
                                                        एक आंिोलि म मिि कर सकत ह।
                                                                                       ैं
                                                                      ें
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         म फक िता ह। पया्षवरण, वि और िलवायु पररवत्षि
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                                                                                                   ू
                                                                                                  ु
         मंत्रालय ि समुद्री प्रिूरण स निपटि म मिि करि       समय की आवशयकता ह दक पया्षवरण क अिकल
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         क नलए िॉवदे और िम्षिी िैस पवकनसत िर्ों क साथ  सामनग्रयों के  साथ पलाजसटक को प्रनतसथापपत दकया
                                                 े
                                  े
         िो बड समझौतों की घोरणा की।                     िाए। हम सभी को इस खतर स लडि और अपि
                                                                                                     े
                                                                                           े
                                                                                  े
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             िर्  म  पलाजसटक-मुक्त  आंिोलि  को  मिबूती   सुिर  वातावरण  को  बिाए  रखि  क  नलए  अपि
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                                                                                                  े
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                                                                                                    े
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                                   े
         प्रिाि करि क नलए भारत क माििीय प्रिािमंत्री    हाथ नमलाि की िरूरत ह। हम पलाजसटक किर क
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                                                                 ें
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         ि  2  अक्तबर,  2019  को  गािी  ियंती  क  अवसर   प्रबंिि म समझिारीपूण्ष तरीकों का उपयोग करिा
           े
                  ू
                                                                                           ें
         पर  एक  बार  दफर  ‘पलाजसटक-मुक्त’  अनभयाि  की   िादहए। यह अपनर्ष्ट संग्रह प्रणानलयों म सुिार और
                                                                              ं
                                                                                                     े
         र्ुरूआत की। माििीय प्रिाि मंत्री ि िागररकों स   पूण्ष  पलाजसटक  मूलय  श्रृखला  को  संबोनित  करि
                                                      े
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                                                                                                     े
         यह भी सुनिजचित करि का आग्रह दकया दक हम         क साथ र्ुरू होता ह तादक पलाजसटक को दफर स
                              े
         सभी ‘एकल-उपयोग पलाजसटक’ का वयवहार करिा         दरिाइि, प्रनतसथापपत, पुिप्रा्षप्त और पुिि्षवीिीकरण
                                                                                 ें
                                                                                            े
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                                             ें
               ें
         बंि कर और एक िए भारत की ओर बढ।                 दकया िा सक। इसनलए, हम पूरी तरह स पलाजसटक
                                                        का उपयोग बंि करिा िादहए और कम पलाजसटक
                               ें
             उपयु्षक्त कारवाइयों म सफलता की अलग-अलग
                       ्ष
                                                                    े
                                                                                        ें
                                                                                     े
                                                           े
                                                        पैकजिंग वाल उतपािों को िुिि म ग्रीि पवकलप
                                              े
                                                े
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                ैं
                   े
         दरग्री ह,  लदकि भारत क िागररक होि क िात
                                                        बिाकर पलाजसटक दरटॉकस आंिोलि म र्ानमल होिा
                                                                                         ें
         हम खरीिारी करत क समय पुि: प्रयोजय बैग को
                            े
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                                                                                          े
                                                                     े
                                                                                                     े
                                                                 ु
                                                        िादहए। कछ महिती काय्ष पलाजसटक क साथ हमार
                 ें
                                                      े
         प्रयोग म ला कर एक उिाहरण सथापपत कर सकत
                                                                                                    े
                                                                   ं
                                                                                 ैं
                                                                               े
                                                                ें
                                                        संबंिों म क्रानत ला सकत ह। पलाजसटक प्रिूरण क
          ैं
         ह। िायलॉि या पॉनलएसटर क बैग क बिाय कपड
                                          े
                                                      े
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                                                                        े
                                                                      े
                                                        जवार को रोकि क नलए हम सबको अपिी आवाज
             े
                     ें
         वाल बैग िुि कयोंदक िायलॉि या पॉनलएसटर क
                                                     े
                                                        बुलंि करिी ही होगी।
         बैग  भी  पलाजसटक  स  बि  होत  ह।  िुनियाभर  म
                                     े
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                                                                                    ै
                          हहंदी क दवािा ही समस् भाि्वष्ष को एक सूत् में वपिो्या जा सक्ा ह
                               े
                                                               - महवष्ष द्याननद सिसव्वी
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