Page 7 - Akaksha (8th edition)_Final pdf
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                                  कोिोना काल में हहंदी की अनवि् ्यात्ा


                                                                    ्ष
             दकसी भी काया्षलय म दहिी गृह पपत्रकाओं का प्रकार्ि ि नसफ रािभारा दहिी क प्रनत कानम्षकों की
                                                                                ं
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         निष्ठा एवं रूनि का दृशय रूप ह अपपतु उिक लखि कौर्ल, रििातमकता एवं प्रनतभा को भी एक दिर्ा
                     ै
         प्रिाि करता ह। यूं तो पवगत सात वरशों म दहिी वापर्षक पपत्रका ‘आकाक्ा’ का हर अंक पवनर्ष्ट रहा ह परनतु
                                                                                               ै
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         कोरोिा महामारी क इस िुिौतीपूण्ष िौर म अनिकाररयों व कम्षिाररयों क सहयोग ि ‘आकाक्ा’ क आठव
                                                                                         ं
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                                                                  े
         अंक को और भी पवनर्ष्ट एवं प्ररणािायी बिा दिया ह। पपत्रका क इस अंक को िहा भारत सरकार, गृह
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                                                                                                     ं
                                                                                                ै
         मंत्रालय, रािभारा पवभाग क सनिव रॉ. सुमीत िैरथ क आर्ीव्षििों विारा माग्षिर््षि प्राप्त हुआ ह, वही
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                                                                 े
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         पवभागीय प्रमुख श्री संिय कमार झा, महानििर्क की पपत्रका क प्रनत रूनि एवं नििर्क महोिया श्रीमती
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                                                     ै
         तानया नसंह क उतसाहवि्षि का संबल भी नमला ह। इस बात स िकारा िही िा सकता दक महामारी का
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                                                         ै
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                                                                                     े
         प्रभाव रािभारा पर भी प्रतयक् व परोक् रूप स पडा ह लदकि इसस भारा का प्रसार वपबिार, ऑिलाईि
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                                                                                     े
         प्रनर्क्ण काय्षक्रमों, ऑिलाईि प्रनतयोनगताओ, संगोपष्ठयों एवं अनय दरजिटल माधयमों क िए-िए आयामों
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         स और भी गलोबल हुआ।
             संसार म जिति भी िीव ह सबकी अपिी मौनलक अनभवयपक्त होती ह। अनभवयपक्त का माधयम नभनि
                                                                         ै
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         हो सकता ह परनतु सभी क हृियगत भाव दकसी ि दकसी प्रकार पररलजक्त अवशय होत ह। भाराई भाव-
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                                                                                        ैं
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         भंनगमा म निदहत र्बि-सौष्ठव, भाराई कौर्ल और भाव क सतर पर रिा हुआ नर्लप रििा क सौंिय्ष म
                                                                                            े
                                                                                                     ें
         िार िाि लगा ित ह। दहिी म रििाकारों की वृपद्ध हो रही ह। काया्षलयीि दहिी क छोट अिप्रयोगों स
                                     ें
                                                                ैं
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                                                                                                     े
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         होत हुए कहािी, लख, कावय व आलख क माधयम स अनिकाररयों एवं कम्षिाररयों की रििा कछ अपिा
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         बुिि और गढि म सफल प्रतीत हो रही ह। भारा की यात्रा कछ इनही उपािािों पर िढ कर सफलता व
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         समृपद्ध क नित िति आयामों को सपर््ष कर िीनप्त व तृनप्त की ओर बढ रही ह।
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                                                                              ै
             प्रसतुत अंक की पवरय-वसत म ‘पलाजसटक मुक्त भारत’ संकलपिा को आिार बिाकर प्रकनत को पुिीः
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         सवचछ एवं प्रिूरण रदहत बिाि की अपील की गई ह जिसस वत्षमाि महामारी िैसी जसथनतया भपवषय म
                                                                   ं
                                                                                 ै
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         पुिीः मािविानत की पविार्-लीला ि रि सक। मुझ आर्ा ही िही, पूण्ष पवविास ह दक यह अंक ि कवल
                                                      े
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         अपि अप्रनतम इनतहास को और आग बढाि म मििगार होगा वरि ्  िए रििाकारों को िया मंि व पुराि
                                                  ें
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         रििाकारों की सादहतय साििा को अिवरत गनत प्रिाि करि वाला नसद्ध होगा।
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             आपकी प्रनतदक्रया हमार नलए अमूलय एवं आगामी अंक क नलए पथ-प्रिर््षक होगी। आपक सुझावों का
         तहदिल स सवागत ह...
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                                                                                 कतनष्ठ अनुवादक
                                                                                                 7
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