Page 220 - Sanidhya 2025
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            वाषि 2018-19 क दौरानों जीब मेंं, पीवाोत्तर सीेक्टर करिरपीुबला, किशलांग मेंं तनोंात थाा, तो मेंै वाहा� क प्रकिसीद्ध पीयािटीनों स्थालाों पीर घमेंनोंे गयाा। पीरन्तु जीब वाहा�
            क स्थाानोंीया लाोगों सीे उपीरोक्त ”किकशी नोंदी” वा ”लाांगकिशयाांग फॉल्स” तथाा इसीक आसी-पीासी स्तिस्थात सीुन्दर पीहाकिड़याों क बार मेंं सीनोंा तो मेंरा मेंनों याे
                                                                                       े
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            अनोंोखे प्राककितक दृष्य दखनोंे क किलाए उत्सााकिहत होनोंे लागा और एक किदनों मेंं वाहा� क प्राककितक सीौन्दयाि को दखनोंे क किलाए अपीनोंे कायाािलाया क सीाकिथायाों
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            क सीाथा नोंोंग�ोइनों / सीग्रींग गावा क किलाए किनोंकला पीड़ा।
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                                            नोंोंग�ोइनों / सीग्रींग गावा जीाते सीमेंया रा�े मेंं एक पीहाड़ी क आसी-पीासी सीे एक छोटीी नोंदी बह
                                                                                 े
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                                            रही थाी तथाा नोंदी क उसी पीार वाहा� क कछ स्थाानोंीया किनोंवााकिसीयाों क घर बनोंे हुए थाे, जीहा� जीानोंे
                                                                                    े
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                                            का एक मेंात्रा रा�ा उसी नोंदी क ऊपीर बनोंा हुआ लाोह क तार का झीलाता हुआ पीला थाा, जीो
                                            अपीनोंे आपी मेंं एक अनोंोंखा दृष्य थाा। याह दृष्य दखकर मेंै स्वयां को रोक नोंहीं सीका और उसी
                                                                          े
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                                            पीला पीर गयाा तथाा पीला क उसी पीार उपीस्तिस्थात वाहा� क स्थाानोंीया लाोगों सीे इसी पीला क बार मेंे
                                            जीानोंकारी लाी तो पीता चालाा किक याह पीला वाहा� क स्थाानोंीया लाोगों नोंे स्वया अपीनोंे हाथाों सीे बनोंायाा
                                                                                      ं
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                                            थाा। मेंनोंे उसी पीला पीर खड़ होकर वाहा� का एक छायााकिचात्रा भाी किलायाा। किफर हमें आगे क किलाए
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                                            रवाानोंा हो गए तभाी थाोड़ी दर चालानोंे क बाद एका-एक मेंरी नोंजीर वाहा� की छोटीी-छोटीी सीुन्दर
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                                            पीहाकिड़याों पीर पीड़ी और हमें सीभाी वाहा� कछ दर क किलाए ठहर। उनों मेंनोंोरमें और सीुन्दर
                                                                                  े
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                                            पीहाकिड़याों तथाा वाहा� की सीाफ-सीफाई को दख कर ऐसीे लाग रहा थाा मेंानोंो किक प्रककित नोंे हमेंं
                                                                       े
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                                            स्वया बुलााकर अपीनोंी गोद मेंं बठायाा ह। उनों छोटीी-छोटीी मेंनोंोरमें पीहाकिड़याों क बीचा मेंं बनोंा
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                                            वाहा� क स्थाानोंीया किनोंवाासीी का एक झीोपीड़ीनोंमेंा घर हमेंं वाही रहनोंे क किलाए आककिषित कर रहा
                                                                                     े
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                                            थाा किजीसी कारण उसी सीुन्दर दृष्य को छोड़कर कहीं और जीानोंे का मेंनों ही नोंहीं हो रहा थाा।
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                                                                                                े
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            चाूंकिक हमेंं अपीनोंी मेंकिजीला तक आगे जीाकर   क बीचा किगटीार की �नों पीर सीगीत गायानों नोंे तो   का तो नोंहीं हो रहा थाा, चाूंकिक �ीर-�ीर शामें
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            ”किकशी नोंदी” वा ”लाांगकिशयाांग फॉल्स” तथाा   चाार चाा�द ही लागा किदयाे थाे। हमें सीब नोंे उसी   होनोंे जीा रही थाी और हमेंं वाापीसी किशलांग
                                                                              �
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            इसीक आसी-पीासी स्तिस्थात सीुन्दर पीहाकिड़याों जीसीे   नोंदी की सीुन्दर जीला�ारा मेंं स्नाानों भाी किकयाा।  पीहुचानोंा थाा तो हमें नों चााहते हुए भाी ऐसीे
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            प्रककित क सीुन्दर दृष्य को दखनोंा थाा, तो हमें                  अनोंोंखे एवां सीुन्दर पीयािटीनों स्थाला सीे किशलांग
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            आगे क किलाए किनोंकला पीड़। हमें सीग्रींग गांवा सीे   किजीसी जीगह हमें नोंदी क पीासी रुक हुए थाे तो   वाापीसी आ गयाे।
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            कछ आगे तक तो अपीनोंे वााहनों सीे गयाे, किफर   वाहा� झीरनोंा (लाांगकिशयाांग फॉल्स ) जीोकिक
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            हमें वाहा� सीे पीैदला किनोंकला पीड़ तथाा 15-20   लागभाग 337 मेंीटीर (1,106 फीटी) ऊचाा थाा, की   पीवाोत्तर क्षत्रा क मेंघालाया राज्य की राजी�ानोंी
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            किमेंनोंटी क बाद उसी स्थाानों पीर पीहुचा गए। उसी   बहुत तजी आवााजीं आ रहीं थाी। किफर हमें उसी   किशलांग सीे कछ ही दरी पीर नोंोंग�ोइनों मेंं
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            15-20 किमेंनोंटी की पीैदला याात्राा क दौरानों हमेंं   झीरनोंे की तरफ गए और वाहा� का सीुन्दर दृष्य   स्तिस्थात सीग्रींग गावा क पीासी क इसी अनोंछए और
                                                                                        े
                                                                                      �
                                                                                 ं
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            ऐसीा अहसीासी हो रहा थाा जीसीे हमें रोजी की   दखा। याह झीरनोंा किकशी नोंदी की जीला�ारा सीे   अनोंोंखे पीयािटीनों स्थाला पीर एक वाार अवाश्य जीानोंा
                                             े
                                                        ं
            दौड़-भााग और शोर-शराबा की किजीन्दगी सीे   बनोंा हुआ थाा जीोकिक बहुत तेजीी सीे एक गहरी   चााकिहए तथाा वाहा� की प्राककितक सीुन्दरता को
                                                                                            ृ
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            बहुत दर किकसीी दसीरी दकिनोंयाा जीहा� प्रककित क   खाई मेंं किगर रही थाी। याहा� पीर खड़ रहकर इसी   अवाश्य दखनोंा चााकिहए, जीहा� पीर आपीको एक
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            सीौन्दयाि क अलाावाा कछ और नोंहीं ह, की याात्राा   अनोंोंखे और अकल्पोनोंीया झीरनोंे को दखनोंे क   अलाग प्रकार की शास्तिन्त एवां अनोंभाकित का
                            े
                                                                       े
                                 े
            कर रह हों, क्योंनेकिक वाहा� क सीकर-सीकर रा�े,   किलाए पीहाड़ी सीे नोंीचाे की तरफ एक चाट्टीानों क   एहसीासी होगा और उसी मेंनोंोरमें दृष्य को
                                     े
                 े
            सीुन्दर-सीुन्दर पीड़-पीौ�े, नोंदी, नोंालाे, पीहाकिड़याा�,   पीासी झीरनोंे सीे थाोड़ी दर पीथ्थारों सीे एक रकिलांग/  दखकर आपीका हृदया प्रफस्तिल्लीत हो उठगा।
                                                                                            ु
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                                   ू
            पीकिक्षयाों की चाहचाहाटी हमेंं ऐसीा मेंहसीसी करा   दीवाार बनोंाई हुई थाी, किजीसीसीे किक वाहा� खड़  े
                                                               ृ
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            रही थाी। ऐसीे सीुखद दृष्य की अनोंभाकित करते   रहकर झीरनोंे एवां वाहा� की प्राककितक सीुन्दरता
                                     ु
                                   �
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                                                      े
            हुए हमें अपीनोंे अकितमें पीड़ावा पीर पीहुचा चाक थाे।   को दखा जीा सीक।
                       ं
            वाहा� का दृष्य एक दमें अनोंोंखा और
                                                       े
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            अकल्पोनोंीया थाा। चाारो तरफ प्राककितक सीौन्दयाि,   याे मेंनोंोरमें दृष्य दख कर मेंरा हृदया प्रसीन्नता सीे
                                  े
                                                           ु
            हरिरयाालाी ही हरिरयाालाी और उसीी क बीचा   गदगद हो गयाा, मेंनों प्रफकिलात हो उठा, नोंदी
             ं
            किकशी नोंदी की कला-कला प्रवााकिहत  सीुन्दर   की कला-कला बहती जीला�ारा एवां पीकिक्षयाों की
                       ं
                                                                       ै
            जीला�ारा, ठड्ी-ठड्ी हवााओंं और आसीमेंानों मेंं   चाहचाहाटी तो एसीे आककिषित कर रही थाी जीसीे   किपा�ी याादवा  W/O रकिवा�ान्त याादवा
                   ं
                                                                              ं
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            सीुन्दर-सीुन्दर बादलाों का मेंनोंोरमें दृष्य याह   किकसीी भामेंर को फलाों की सीग� अपीनोंी और   सउकिनी0/मेत्रा0
                                                   े
                                                               ं
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            अनोंभाकित द रहा थाा, किक मेंानोंो प्रककित का सीारा   खींचा लाती ह। प्रककित क ऐसीे मेंनोंोरमें और   �ायाय�य उप मेहाकिनीरोीक्षे�,
                                                 े
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                                                                                     बाीजाापरो परिरोचाा�नी रोजा
                                                                                                ं
                                                                                         ु
            सीौन्दयाि एक ही जीगह पीर हो। इसी मेंनोंोरमें दृष्य   सीुन्दर दृष्य को छोड़कर मेंरा मेंनों वाापीसी आनोंे
                                                             े
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