Page 228 - Sanidhya 2025
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            मेंाध्यमें सीे सीश�क बनोंानोंा ह । इनों प्रयाासीों का लाक्ष् ह आकिथािक आत्मकिनोंभािरता सीकिनोंकि�त करनोंा, जीीवानों की गुणवात्ता मेंं सी�ार करनोंा और गरिरमेंा तथाा
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            आत्मकिवाश्वासी को बढ़ाावाा दनोंा ।
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            ब्यूूटीी पीालािर  आशा की एक किकरण -
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            आजी, रवाीनोंा सीकिचानों भार का ब्यूूटीी पीालािर सीाहसी, उद्याकिमेंता और पीरिरवातिनों का प्रतीक बनों चाका ह । याह नों कवाला उन्हे एक स्तिस्थार आया प्रदानों करता
                                                                                         े
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            ह, बस्तिल्क याह स्थाानोंीया करिरपीुबला सीमेंदाया को भाी सीेवाा प्रदानों करता ह और खटीखटीी कम्प की मेंकिहलााओं क सी�ी और पीशवार सीौंदयाि सीेवााए  ं
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            उपीलाब्ध कराता ह । रकिवानोंा अब अपीनोंे पीालािर को पीणि प्रकिशक्षण कन्द् क रूपी मेंं किवा�ार दनोंे की याोजीनोंा बनोंा रही ह, ताकिक अन्य करिरपीुबला काकिमेंको
                                                                                    ै
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            की पीकित्नीयाां और बकिटीयाां इसी कलाा को सीीख सीक और आत्मकिनोंभािर बनों सीक ।
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            उनोंका सीदश दसीरों क किलाए ः
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            कभाी भाी अपीनोंे सीपीनोंों को कमें मेंत सीमेंझीो। सीही सीहयाोग और आत्म-किवाश्वासी सीे, एक छोटीी सीी किचागारी भाी तुम्हाारी दकिनोंयाा को रोशनों कर सीकती ह ।
            RCWA और ग्रपी कन्द् खटीखटीी क प्रयाासी इसी बात को उल्लीस्तिखत करते ह किक हमेंार आकिग्रमें पीस्तिक्त क नोंायाकों क पीरिरवाारों का सीमेंथािनों किकतनोंा
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            मेंहत्वपीणि ह । स्वरोजीगार याोजीनोंाओंं मेंं उनोंका किनोंवाेश, जीसीे किक ब्यूूटीी पीालािर, कवाला व्यावासीाया नोंहीं बनोंाते – वाे जीीवानों को किफर सीे सींवाारते ह,  ं
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            आत्मकिवाश्वासी लाौटीाते ह और आत्मकिनोंभािरता को भाावानोंा को सीशक्त करते ह ।
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