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       मं ज़ल  मल जायेगी
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       सपन  मे रख आ ा कम  तू  कए जा,
         ाग से ना डर आलस प र ाग तू  कए जा।
        गलती कर ना घबरा,  गरकर  फर हो जा खड़ा ।


       सम ाओ  को रा   से  नकाल द,

       च ान भी हो तो ठोकर से उछाल द।
       रख  ह त तूफानो से टकराने क ,

       ज रत नह  ह  कसी मुसीबत से घबराने क ।


       जो पाना ह बस उसक  एक पागल क  तरह चाहत का
       करता रह कम  मगर साथ ख़ुदा क  इबादत कर।
        फर दख  क त  ा  ा रंग िदखलाएगी,

       तुझे तेरी मं जल  मल जायेगी,
       मं जल  मल जायेगी
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