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मं ज़ल मल जायेगी
~सौ ा शम
सपन मे रख आ ा कम तू कए जा,
ाग से ना डर आलस प र ाग तू कए जा।
गलती कर ना घबरा, गरकर फर हो जा खड़ा ।
सम ाओ को रा से नकाल द,
च ान भी हो तो ठोकर से उछाल द।
रख ह त तूफानो से टकराने क ,
ज रत नह ह कसी मुसीबत से घबराने क ।
जो पाना ह बस उसक एक पागल क तरह चाहत का
करता रह कम मगर साथ ख़ुदा क इबादत कर।
फर दख क त ा ा रंग िदखलाएगी,
तुझे तेरी मं जल मल जायेगी,
मं जल मल जायेगी