Page 29 - Epatrika2020_KV2 AFA HYD
P. 29
-10-
िव ालय क याद
-क. अनुषा
10 अ
बड़ हो गए ह अब हम
ू
पर जब ल हम जाते थे!
अपने शट क बटन हम ऊपर नीचे लगाते थे!
पी. ट क जूतो को हम सफद चौक से चमकाते थे!!
काले जूत को अपने पे से साफ कर लेते थे!
ू
ं
जब ल दर से जाने पे ाउड क च र म चार लगती!!
याद आते ह वो िदन जब प यर बाहर होने पर म ास म ह क जाती थी!
ट चर क ास म आने पर जब म पकड़ी जाती थी!!
कभी पेट दद, कभी सर दद रोज नए नए बहाने बनाती थी!
ास म सबसे पहले जाना और ला ब च पे जाकर बैठ जाना!!
याद आता ह दो क बैठने से पहले चेयर ख चकर उ नीचे गरा दना!
जाडो म सद होने पर ास बाहर लगवाते थे!!
फर दो म घर प रवार क क े हम खूब सुनाते थे!
ू
ल म जाने पर जब लड़क दो चोट बनाती थी!
रबन ना लगाने पर ट चर क डाट भी खाती थे!!
लंच होने से पहले सारा खा जाते थे!
ू
बाथ म क बहाने से ल क च र लगाते थे!!
ट चर न आने पर जोर जोर से च ाते थे!
परी ा होने पर ह ट चर क च र लगाकर कताब पर प र ा क आने वाले को ट क लगवाते थे!!
ू
ल हम जाते थे,
ल ह हमारी ज त ह!!..
ू