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तेनालीराम क कहानी: राजगु क चाल
-सा िवनायक
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राजा क दव राय क दरबार म तेनालीराम क बु और चतुराई क क े काफ मशहूर थे। यह वजह थी क राजगु क साथ-साथ रा क
कई ा ण तेनालीराम को पसंद नह करते थे। वह समझते थे क न ेणी का ा ण होते हुए भी वह अपने ान से उ नीचा िदखाता रहता
ंच गए। सभी ा ण जानते थे क उनक
ह। इसी कारण सभी ा ण ने मलकर तेनालीराम से बदला लेने क सोची और राजगु क पास पहु
तरह राजगु भी तेनालीराम को पसंद नह करते। इस लए, राजगु उनक इस काम म मदद ज र कर गे।
सभी ा ण ने राजगु को अपने मन क बात बताई और मलकर तेनालीराम से बदला लेने क एक योजना बनाई। उ ने सोचा न
तेनालीराम को श बनाने का बहाना कया जाए। श बनाने क नयमानुसार श बनने वाले ि क शरीर को दागा जाता ह। इस तरह
उनका बदला भी पूरा हो जाएगा और बाद म वह सभी उसे न ेणी का ा ण बताकर श बनाने से इनकार कर दगे। इससे वो सभी
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तेनालीराम को नीचा भी िदखा पाएगे।
फर ा था, अगले ह िदन राजगु ने तेनालीराम को अपना श बनाने क बात बताने क लए अपने घर बुलवाया। राजगु क नमं ण पर
तेनालीराम राजगु क घर पहु
ंच गया और उसे बुलाने का कारण पूछा। राजगु ने कहा, ‘तु ारी बु और ान को दखते हुए म तु अपना
श बनाना चाहता हू ं।’
राजगु क यह बात सुनकर तेनालीराम को आभास हो गया क कछ तो गड़बड़ ज र ह। उसने राजगु से पूछा, ‘आप मुझे श कब
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बनाएगे?’ राजगु ने कहा, ‘मंगलवार का िदन इस शुभ काम क लए सह रहगा।’ राजगु ने नए कपड़ दते हुए कहा, ‘तेनालीराम मंगलवार को
तुम यह नए कपड़ पहन कर आना। तब म तु अपना श बना लूंगा और साथ ह तु 100 सोने क स भी िदए जाएगे।’
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राजगु क बात सुनकर तेनालीराम ने कहा, ‘ठ क ह फर म मंगलवार को सुबह आपक घर आ जाऊगा।’ इतना कहकर तेनालीराम अपने घर
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चला आया। राजगु को तेनालीराम ने ब ल भी आभास नह होने िदया क उसे उनक बात पर कछ संदह हो रहा ह।
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घर आकर तेनालीराम ने सारी बात अपनी प ी को बताई। सभी बात सुनने क बाद तेनालीराम क प ी बोली, ‘आपको राजगु क बात नह
माननी चा हए थी। इसम राजगु क ज र कोई चाल होगी, क बना कसी मतलब क राजगु कोई काम नह करता ह।’ प ी क मुंह से
यह बात सुनकर तेनालीराम कहता ह, ‘कोई नह , राजगु को तो म दख ह लूंगा।’
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तेनालीराम ने अपनी प ी से कहा, ‘मुझे पता चला ह क कछ िदन पहले कई ा ण राजगु क घर कोई सभा करने गए थे। उन ा ण म
ं।
सोमद नाम का ा ण भी गया था। सोमद को म अ तरह जानता हू वह बहुत ह गरीब ह और उसक घर क रोट -पानी भी मु ल से
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चलती ह। ऐसे म अगर म उसे कछ सोने क स दूगा, तो संभव ह क वह मुझे उस सभा म हुई सभी बात बता दगा और म जान पाऊगा क
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आ खर राजगु क िदमाग म ा चल रहा ह?’
इतना कहते हुए तेनालीराम उठकर सोमद क घर चला जाता ह। सोमद क हाथ म दस सोने क स रखते हुए तेनालीराम उस सभा म हुई
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सभी बात क बारे म बताने को कहता ह। पहले तो सोमद कछ भी बताने को तैयार नह होता, ले कन कछ दर मनाने क बाद वह 15 सोने क
स क बदले सब कछ बताने को तैयार हो जाता ह।
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राजगु ारा तैयार क गई उससे बदला लेने क पूरी योजना जानने क बाद तेनालीराम राजगु को सबक सखाने क लए िवचार करने लगता
ंच जाता ह। श बनाने
ह। फर मंगलवार क िदन तेनालीराम राजगु ारा िदए गए कपड़ को पहनकर राजगु क घर श बनने क लए पहु
क िव ध शु क जाती ह और राजगु तेनालीराम को 100 सोने क स दते हुए वेद पर बैठने को कहता ह।
तेनालीराम भी झट से हाथ आगे बढ़ाकर सोने क स ले लेता ह और श िव ध को पूरा करने क लए बैठ जाता ह। तभी राजगु इशारा
दकर साथी ा ण से शंख और लोह क च को गम करने क लए कहते ह, ता क िव ध पूरी होने पर उससे तेनालीराम को वो दाग सक।
िव ध आधी ह पूरी हुई थी क अचानक तेनालीराम िदए गए 100 सोने क स म से 50 सोने क स राजगु पर फकता ह और वह से
भाग खड़ा होता ह। तेनालीराम को भागता दख राजगु और उनक साथी ा ण भी तेनालीराम क पीछ-पीछ भागने लगते ह।
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बचने क कोई त न िदखाई दने पर तेनालीराम सीधे भागता हुआ राज दरबार म पहु ंच कर तेनालीराम राजा क दव
ंच जाता ह। वह पहु
राय को बताता ह, ‘राजगु ने मुझे श बनने का नमं ण िदया था, मगर मुझे तब याद नह रहा क म न ेणी का ा ण हू, जो राजगु
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का श नह बन सकता। जब यह बात मुझे याद आई तब तक आधी िव ध पूरी हो चुक थी। इस लए, म राजगु ारा िदए गए 100 सोने क
स म से 50 सोने क स वापस करते हुए वह से भाग आया। फर भी राजगु मुझे जानबूझ कर दागना चाहते ह, जब क वा िवकता
म म उनका श बन ह नह सकता।’
जब राज दरबार म राजगु पहु ंचे, तो राजा ने उनसे इस बारे म पूरी बात पूछ । तब राजगु ने अपना असली मंत छपाते हुए राजा से कहा,
‘मुझे भी ब ल याद नह था क तेनालीराम न ेणी का ा ण ह।’
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इस पर राजा बोले, ‘तब तो तेनालीराम को उसक ईमानदारी का ईनाम िदया जाना चा हए।’ इतना कहते हुए राजा ने तेनालीराम को इनाम क
प म एक हजार सोने क स भ ट कए।