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18 CONCEPTUAL PHYSICS—XII
तिपपणी: 1. पिीक्षि आवेि एक ऐसा आिि्ष अतयलय णबनिु आवेि है यणि आवेि q कता्तीय तनददेशतांक प्रणताली (Cartesian
णिसका अपना कोई वैद्युत क्षेत्र नहीं होता Coordinate System) के मूल तबनदु (Origin) पि अवक्सथत हो औि
दे
2. वयावहारिक परिकलनों में हम q = + 1c लेकि परिकलन णबनिु P के णनििांक (x, y, z) हो तो q के कािि णबनिु पि क्षेत्र–
0
कि लेते हैं औि इसके अपने वैद्युत क्षेत्र की अपेक्षा कि िेते E = Ex i + ˆ Ey j + ˆ Ezk ˆ
हैं। q xi yj + zk
+
= 2 2 23 2 …(1.14)
/
यु
वैद्य् क्षेत्र में रिे तक्सी आवेश पर वैद्य् बल 4πε 0 k ( x + y + z )
यु
यणि वैद्युत क्षेत्र के णकसी णबनिु पि वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E हो तो इस णबनिु सव० मू० प्र० 15:
पि q आवेि िखने पि उस पि लगा बल होगा:
ू
बिाबि परिमाि औि एकसमान प्रककृणत के r ििी पि िखे णबनिु आवेिों
F = q E () …(1.12)
के णलए क्षेत्र िेखओं के णवनयास का आिेख बनाईए। इस पि वह णबनिु
तक ्सी तबनदु के कतारण वैद्य् क्षेत्र की ्ीव्र्ता अंणकत कीणिए िहाँ क्षेत्र की तीव्रता िूनय है ( E = ) 0 । ििा्षइए णक
यु
(Intensity of Electric field due to point charge) इस णबनिु पि िखे णकसी पिीक्षि आवेि का संतुलन असथाई है। यणि
यणि कोई णबनिु आवेि q, पिावैद्युतांक k के णकसी माधयम में िखा हो तो पिीक्षि आवेि का उसकी संतुलन अवसथा से थोडा सा णवसथाणपत
ू
इससे r ििी पि क्सथत णबनिु p पि वैद्युत क्षेत्र का परिकलन किने के णलए किके छोर णिया िाएतो इसक वयवहाि कैसा होगा?
हम णबनिु p पि एक पिीक्षि आवेि q िखते हैं तब आवेि q पि q के
0 0
ं
यु
कािि लगने वाला कूलरॉमी बल 1.2.9 वैद्य् क्षेत्रों कता अधयतारोपण त्सद्धता्
(Principle of Superposition of Electric Fields)
O P F
इस णसद्धांत के अनुसाि यणि एक ही णबनिु पि अनेक वैद्युत क्षेत्र आिोणपत
r णकए िाएँ तो उस णबनिु पि कुल वैद्युत क्षेत्र आिोणपत वैद्युत क्षेत्रों के सणिि
q q
0
योग के बिाबि होगा अथा्षत्
Fig. 1.14: आवेि q से r ििी पि क्सथत णबनिु p पि इसके कािि िैद्युत क्षेत्र E = E + E + E +……+ E …(1.15)
ू
1
3
n
2
1 qq
F = 3 0 सव० मू० प्र० 16: B
4πε k r q 2
0
तीन णबनिुओं A, B एवं C के बीच िूरियाँ
\ णबनिु पि p वैद्युत क्षेत्र साथ के णचत्र में ििा्षई गई हैं। णबनिु A पि 5 cm
F 1 qr –8 3 cm
E = = − 3 …(1.13) q = 1.2 × 10 C तथा णबनिु B पि
1
q 0 4πε k r q = –1.6 × 10 C आवेि िखा गया q 1
–8
0
2
q है। णबनिु C पि परििामी वैद्युत क्षेत्र की C 4 cm A
Þ E = –12
4πε 0 kr 2 तीव्रता का परिकलन कीणिए। य ि णबनिु C पि q = 0.5 × 10
ण
0
C आवेि िखा िाए तो इस पि णकतना बल आिोणपत होगा?
E की णििा आवेि के ऊपि णनि्षि किेगी। घन आवेि के णलए यह
OP के अनुणिि होगी औि ऋि आवेि के णलए PO के अनुणिि होगी।
1.2.10 ्सतातध् उदताहरण (??????)
्सतातध् उदताहरण–1
दो छिोि़े धता्ु के गोले तजनमें ्से प्रतयेक कता द्रवयमतान m और आवेश
q है l लमबताई के धतागों ्से बताँध कर एक तनय् तबनदु ्से ऊधवताषिधर्:
लिकताए गए हैं। यतद ्स्ुलन अवसथिता में धतागों के बीच 2q कोण
ं
बन्ता हो ्ो दशताषिईए तक:–
2
2
2
2
(i) q = 16p e f mgl sin q tan q 2 1 3 ( ii )
0
्स्ुलन अवसथिता में गोलों के बीच दूरी x = ql
ं
दे
Fig. 1.15: णबनिु आवेि के कािि िैद्युतक्षेत्र कातशीय णनििांक के पिों में 2ππεε 0 mg
उत्तर: प्रतयेक गोले पि णनमनणलणखत तीन बल लगते हैं:
(i) गोले का िाि (mg) (ii) धागे में तनाव (T)
(iii) िूसिे गोले के कािि कूलाॅमी प्रणतकर्षि बल (F).