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P. 15

अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी                                                                      15





                                     (
                                                (
                               q   qr − )    qr − )                                1   qdq
                                                     r
                                         r
                                                                                                  r
                         F  =   0    1    1     0  +  2    2     0   +      dF  =         0  3    ( r − )
                                                                                               0
                              4πε 0    r −  r 0  3  r −  r 0  3                 4πε 0 r − r
                                                                                        0
                                     1
                                                2





                              qr − )          qr − )                             =   1  q 0  λdl   r − )
                                (
                                                (
                                                                                              (
                                                     r
                                    r
                                                                                                  r

                                                     0
                             =   3    s     3 0  +……+  n    n     3               4πε 0 r − r  3    0
                               r −  r 0        r −  r 0                               0
                                                n
                                3
                                                                                                       ै


                                        (
                                            r
                                   =
                               q   nn  qr − )                         L के कािि कुल बल का आकलन इस वयञ्जक के िणखक समाकल
                            =   0  ∑   s    n     3     …(1.7)       (Line integral) �ािा प्राप्त णकया िा सकता है, अथा्षत्–
                                             0
                              4πε 0  n 1    r −  r 0                              1   q  λdl
                                   =
                                        n
                                                                                                    r
                                                                              F =   L ∫      0  3    ( r − )
                                                                                                 0
             सव० मू० प्र० 11:                                                       4πε 0 r −  r
                                                                                          0

             चाि णबनिु आवेि q  = 2 mc, qB = –5mc, qc = 2mc औि                       q 0   r −  r
                                                                                          0
                          A                                                       =     L ∫     3    λ dl    …(1.8)
                              ु
             q  = –5mc, 10 cm ििा के वग्ष ABCD के िीरथों पि अवक्सथत                4πε 0  r −  r
              0                                                                           0
             हैं। वग्ष के केनद्र पि िखे। mc आवेि इनके कािि लगने वाले बल का      (ii)   पृष्ठ आवेश तव्रण (Surface Charge Distribu-
             पणटकलन कीणिए।                         [NCERT]             tion) यणि धनातमक आवेि q णकसी चालक पृष्ठ S पि एक
                                                                       समान रूप से संतत णवतरित हो तो इसके पृष्ठीय आवेि घनतव
              1.2.5   तक्सी तदए गए तबनदु आवेश पर ्स्् आवेश तव्रण       (s) के पदों में q = s S होगा औि एक सूक्म क्षेत्रखंर ds के

                  के  कतारण  वैद्य्  सथिैत्क  बल (Electrostatic        ऊपि आवेि dq = s ds होगा। तब क्सथणत सणिि r  के णबनिु
                                यु
                                                                                                          0
                  force at a given point due to a continuous           आवेि q पि dq के कािि कूलरॉम बल होगा:
                  charge distribution)                                       0
            वयवहाि में प्राय: हमें णवणवति णबनिु आवेिों का नहीं; आवेणित णपरों का
                                                       ं
            प्रिाव णकसी णबनिु आवेि पि िेखना होता है िहाँ आवेिों का णवतिि
            संतत  होता  है।  आवेिों  का  यह  णवतिि  रैतिक  (Linear),  पृष्ठीय
            (Superficial)  अथवा  आय्नी  (Volumetric)  हो  सकता  है।  इन
            आवेि णवतििों के कािि णकसी णबनिु आवेि पि बल के वयञ्जक आगे
            वयुतपन्न  णलए गए हैं:
               (i)   रैतिक   आवेश   तव्रण   (Linear  Charge             Fig. 1.11: पृष्ठआवेि णवतिि के कािि क्सथत वैद्युत बल

                   Distribution) एक लमबा, पतला, धातु का आवेणित ताि,                 q   σ(   r − )
                                                                                              r ds 
                                                                                           0
                                                                                     0
                   ै
                   िणखक आवेि णवतिि का उिाहिि है। माना L लमबाई का ऐसा         dF  =  4πε    r −  r  3   
                   ताि आकाि में कही िखा है। (िेखें णचत्र 1.9) औि हमें इसके            0    0     
                   कािि णबनिु P पि िखे धन आवेि q पि क्सथिवैद्युत बल का            औि संपूि्ष पृष्ठ आवेि q के कािि बल इस वयञ्जक के क्षेत्र
                                            0                          समाकल �ािा ज्ात णकया िा सकेगा, अथा्षत–
                   परिकलन किना है। माना ताि पि कुल आवेि q है िो धनातमक

                                                                                               r ds
                   है औि इसकी पूिी लमबाई पि एक समान रूप से णवतरित होगा।       F  =   q 0  S ∫  σ( r − ) 3       …(1.9)
                                                                                            0
                                              ै
                   यणि ताि के इस संतत आवेि णवतिि का िणखक घनतव l हो तो             4πε 0    r − r
                                                                                            0
                   q = lL होगा औि एक छोटे आवेि खंर dL पि dq = ldl     (iii)   आय्न  आवेश  तव्रण   (Volume  Charge

                   होगा। माना dl औि P के क्सथणत सणिि क्रमि:  r  एवं  r  है   Distribution) यणि आवेि आकाि के णकसी आयतन में
                                                         0
                   तब इस आवेिखणर के कािि q पि कूलरॉम बल–               संतत  णवतरित  हो,  िैसा  यह  पिमािु  के  नाणिक  में  होता  है,
                                        0
                                                                       तो आयतन आवेि घनतव r के पिों में उपयु्षति  णववेचन का
                                                                       अनुसिि किते हुए आवेि q  पि इसके �ािा लगे कूलरॉम बल
                                                                                           0
                                                                       का वयञ्जक होगा:
                         ै
                  Fig. 1.10: िणखक आवेि णवतिि के कािि क्सथिवैद्युत बल
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