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12 CONCEPTUAL PHYSICS—XII
सकता है। इसणलए प्रोटरॉन का संिावी संघटन है uud.
िूसिी ओि नयूट्रॉन का आवेि िूनय होता है। इसणलए इसके तीन घटक किों के आवेिों का योग िूनय होना चाणहए। इसके णलए हम िेखते हैं:
2 e − 1 e − 1 e = 0। अत: नयूट्रॉन का संिावी संघटन है: udd
3 3 3
20. (i) ऋिातमक
(ii) िी, हाँ। णबल्ी की खाल पि 10 mc धन आवेि णवकणसत होगा।
(iii) णबल्ी की खाल से एबोनाइट की छड पि
−
6
13
21. गोले A को धन आवेि िेने में इससे कुछ इलेकट्रॉन (माना x ) बाहि णनकाले गए हैं। n = q 1 = 10 × 10 C = 6.28 × 10
1 1 e 16 10 − 19 C
×
.
\ गोले A के द्रवयमान में कमी
13
= x me = 6.28 × 10 × 9 × 10 –31 kg = 56.52 × 10 –18 kg. = 5.7 × 10 –17 kg
1
q 20 10 − 6 C
×
गोले B को ऋि आवेि िेने में इस पि कुछ इलेकट्रॉन िोड गए हैं n = 2 = = 12.5 × 10 18
े
2
e 16 10 − 19 C
.
×
ण
\ गोले B के द्रवयमान में वृ �
= n n = 11.4 × 10 –17 kg.
2 e
–7
–7
\ द्रवयमान में अनति = (m + 11.4 × 10 kg) – (m – 5.7 × 10 –17 kg) = 17.1 × 10 kg.
22. णक्रयाकलाप 1.1
23. 1.1.3
24. िणखए सव िू० प्र० 4 का उत्ति
े
चताल्सषि ऑगससिन ड् कूलरॉम
फ्रॉस में िनमें कूलरॉम मूलत: एक णमणलटिी इंणिणनयि थे। वे मुखयत: क्सथत वैद्युणतकी में आवेिों के बीच लगने वाले आकरशी अथवा
ु
प्रणतकरशी बलों के णनयम तथा क्सथि चुमबकतब में चुमबकीय ध्वों के बीच के संगत णनयम के प्रणतपािन के णलए प्रणस� हैं। िायि
आपको यह िानकि आचिय्ष होगा णक उनहोंने अपनी ये खोंिें, अपने यौवनकाल में, णकसी अनुसंधान योिना के तहत णकए गए
प्रयोगों के आधाि पि नहीं की। विन् सेवाणनवृ त्त के पचिात् िौणकया णकए गए प्रयोगों के आधाि पि की। 1776 में वेसटइनरीि में
ण
अपनी सेवाओं की परििणत पि वे पेरिस लौटे, एक छोटी सी िूसमपणत खिीिी औि अपने को वयसत िखने के णलए वैज्ाणनक प्रयोगों
में रूणच लेने लगे। उस समय तक लोगों को यह तो ज्ात था णक समान आवेि एक िूसिे को प्रणतकणर्षत औि णवपिीत आवेि एक
िूसिे को आकणर्षत किते हैं, णकनतु, ये बल णकन कािकों पि णनि्षि किते हैं यह ठीक-ठीक ज्ात नहीं था। कूलरॉम को संिवत:
(1706–1806)
हेनिी केवेणरि �ािा नयूटन के गुरूतवाकर्षि संबंधी णनयम के सतयापन के णलए णकए गए प्रयोगों के अप्रकाणित णवविि ज्ात थे।
ं
उनहोंने आवेणित णपरों औि चुमबकों के णलए णमलते-िुलते प्रयोग णकए औि उन णनषकरथों पि पहुुँचे णिनहें आि हम कूलरॉम के णनयमों के रूप में िानते हैं।
1.2 आवेशों के बीच अनयोनय तरियताएँ (INTERACTIONS BETWEEN CHARGES)
हमने यह पढा है णक समान आवेि एक िूसिे को प्रणतकणर्षत किते हैं िबणक q 1 q 2
असमान आवेि एक िूसिे को आकणर्षत किते हैं। प्रशन यह था णक उनके F AB F BA
बीच लगने वाले ये बल णकन कािकों पि णनि्षि किते हैं। इस प्रशन के उत्ति A r B
की तलाि में णकए गए अपने अधययनों का णनषकर्ष 1785 में, चालस्ष
Fig. 1.7: िो णवद्युत् आवेिों के बीच कूलरॉमी बल
आगक्सतन ि कूलरॉम ने एक णनयम के रूप में प्रसतुत णकया णिसे उनके
सममान में कूलरॉम का णनयम कहा िाता है। य ि r ििी पि णनबा्षत में णवद्मान िो णबनिुओं A एवं B पि आवेि
ू
ण
1.2.1 कूलरॉम कता तनयम (Coulomb’s Law) क्रमि: q एवं q हैं तो कूलरॉम के णनयम के अनुसाि–
2
1
इस णनयम के अनुसाि, “णकनही िो णबनिु आवेिों के बीच णवद्युत् सथैणतक F ∝ qq 2 = k qq 2
1
1
बल का परिमाि उन आवेिों के परिमािों के गुिनफल के अनुक्रमानुपाती r 2 r 2
ू
औि उनके बीच की ििी के वग्ष के प्रणतलोिानुपाती होता है।”